टी-20 अंतरराष्ट्रीय में भारत के खिलाफ सफलतापूर्वक बचाए गए सबसे छोटे लक्ष्य पर एक नजर
भारतीय क्रिकेट टीम और जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के बीच खेले गए पहले टी-20 में भारतीय टीम को 13 रन से हार मिली। यह साल 2024 में भारतीय टीम की पहली हार है। जिम्बाब्वे ने सिर्फ 115/9 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम 102 रन ही बना पाई। ये किसी टीम द्वारा टी-20 इतिहास में भारत के खिलाफ सबसे छोटे लक्ष्य का बचाव है। ऐसे में आइए भारत के खिलाफ सबसे छोटे लक्ष्य के बचाव पर नजर डालते हैं।
जिम्बाब्वे ने 2024 में किया 116 रन का बचाव
भारतीय टीम ने मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। रवि बिश्नोई 4 ओवर में 2 मेडन ओवर डाले और सिर्फ 13 रन खर्च करते हुए 4 विकेट झटके। वाशिंगटन सुंदर को 2 सफलताएं मिली। जिम्बाब्वे के लिए क्लाइव मडांडे ने सबसे बड़ा स्कोर 29 रन बनाया। जवाब में भारतीय टीम 19.5 ओवर में सिर्फ 102 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। तेंदई चतारा और सिंकदर रजा ने 3-3 विकेट झटके। शुभमन गिल ने 31 रन बनाए।
न्यूजीलैंड ने 2016 में किया 127 रन का बचाव
साल 2016 के टी-20 विश्व कप में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का सामना भारतीय टीम से हुआ था। पहले बल्लेबाजी करते हुए कीवी टीम ने 7 विकेट खोकर सिर्फ 126 रन बनाए थे। कोरी एंडरसन ने 34 रन बनाए। भारतीय टीम के लिए सभी गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की। जवाब में मिचेल सेंटनर ने सिर्फ 11 रन खर्च करते हुए 4 विकेट झटके। ईश सोढ़ी के नाम 3 विकेट आए। भारतीय टीम सिर्फ 79 रन पर ऑलआउट हो गई।
दक्षिण अफ्रीका ने 2009 में किया 130 रन का बचाव
टी-20 विश्व कप 2009 में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम का सामना भारतीय टीम से हुआ था। पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने 5 विकेट खोकर सिर्फ 130 रन बनाए थे। एबी डिविलियर्स ने 51 गेंद में 63 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 118 रन ही बना पाई। जोहान बोथा ने 4 ओवर में 16 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए। डेल स्टेन ने 2 विकेट झटके थे।
जिम्बाब्वे ने 2015 में किया 146 रन का बचाव
साल 2015 में भारतीय टीम जिम्बाब्वे के दौरे पर गई थी। दूसरे मुकाबले में जिम्बाब्वे पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट खोकर सिर्फ 145 रन ही बना पाई थी। चामु चिभाभा ने 67 रन बनाए थे। मोहित शर्मा और भुवनेश्वर कुमार ने 2-2 विकेट झटके थे। जवाब में भारतीय टीम के लिए रॉबिन उथप्पा ने 25 गेंद में 42 रन तो बनाए, लेकिन उनका साथ देने वाला कोई नहीं था। 20 ओवर में टीम 135 रन ही बना पाई।