स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया: पिछले 10 सालों में 29 कोचों पर लगे यौन शोषण के आरोप
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) में ट्रेनिंग लेने वाली लड़कियां लगातार वहां के कोचों पर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाती रही हैं। हालांकि, इन कोचों पर ज़्यादा कुछ कार्यवाही करने की जगह या तो उनके कुछ पैसे काटे जाते हैं या फिर उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। इंडियन एक्सप्रेस ने RTI के जरिए कुछ आंकड़े हासिल किए हैं जिनके मुताबिक पिछले 10 सालों में SAI के 29 कोचों पर यौन शोषण का आरोप लग चुका है।
पिछले दशक में हुए यौन शोषण के 45 मामले
इंडियन एक्सप्रेस ने RTI के जरिए जो आंकड़े हासिल किए हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के 24 अलग-अलग सरकारी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से कुल 45 यौन शोषण के मामले सामने आए हैं। ज़्यादातर मामलों में अभियुक्त को या तो ट्रांसफर दे दिया जाता है या फिर उनकी सैलरी से कुछ पैसे काट लिए जाते हैं। दर्जनों लोगों के खिलाफ जांच चल रही है जिसमें कुछ निष्कर्ष नहीं निकल सका है।
29 कोचों पर लगा यौन शोषण का आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक 45 में से 29 मामले में कोचों के खिलाफ यौन शोषण का मामला सामने आया है। महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली कमेटी ने पिछले साल फरवरी में बताया था कि ये आंकड़े और भी बड़े हो सकते हैं। उनके बयान में कहा गया था, "कोचों के खिलाफ कई मामले सामने ही नहीं आ पाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेंटर और गाइड ही इस तरह के काम कर रहे हैं।"
एथलीट्स के डर के कारण कार्यवाही करना होता है मुश्किल- पूर्व डीजी
SAI के पूर्व डॉयरेक्टर जनरल जीजी थॉमसन के मुताबिक कई मामलों में एथलीट्स अपनी शिकायत को वापस ले लेते हैं जिसके कारण कार्यवाही करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा, "ज़्यादातर लड़कियां काफी आम पृष्ठभूमि से आती है तो वे अपने करियर के खराब होने के डर के कारण अपनी शिकायत को वापस ले लेती हैं। उन्हें लगता है कि उनका करियर कोच के हाथ में है तो वे पीछे हट जाती हैं।"
छेड़छाड़ से लेकर यौन शोषण तक के हैं मामले
एथलेटिक्स, जिमनास्टिक, बॉक्सिंग, वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग जैसे खेलों का प्रशिक्षण लेने वाली लड़कियों के साथ छेड़छाड़ से लेकर यौन शोषण तक के मामले दर्ज किए गए हैं। कई कोच ऐसे हैं जिन्हें आरोप लगने के बावजूद बरी कर दिया गया। कुछ के खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन फिर भी वे कोचिंग देने के काम में लगे हुए हैं। ज़्यादातर मामलों में यही होता है कि कोचों पर कड़ी कार्यवाही नहीं हो पाती है।
नॉर्थ-ईस्ट की लड़कियों की शिकायत पर कोच को किया गया था सेवामुक्त
जुलाई 2014 में नॉर्थ-ईस्ट की पांच लड़कियों ने अपने 50 वर्षीय कोच पर उनके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। 14-15 साल उम्र की इन लड़कियों ने बताया था कि कोच ने शरीर का माप लेने की आड़ में उन्हें गलत ढंग से छुआ और वजन करते समय उन्हें शर्ट उतारने को कहा। FIR दर्ज करने के अलावा 22 अगस्त, 2017 को उस कोच को सेवामुक्त कर दिया गया था।