यूट्यूब कर रही विज्ञापन नियमों में बदलाव, क्रिएटर्स को मिलेगी कम आजादी
क्या है खबर?
गूगल के स्वामित्व वाली वीडियो स्ट्रीमिंग दिग्गज यूट्यूब 12 मई से ऐसे मिड-रोल विज्ञापन कम दिखाएगी, जो वीडियो देखने में रुकावट डालते हैं।
अब विज्ञापन वाक्यों या दृश्यों के बीच में नहीं, बल्कि 'नेचुरल ब्रेक पॉइंट' जैसे पॉज, शिफ्ट या ट्रांजिशन पर दिखेंगे। पुराने वीडियो में भी अपने आप विज्ञापन जोड़े जा सकते हैं, लेकिन क्रिएटर इसे बंद कर सकते हैं।
यूट्यूब स्टूडियो में नया फीडबैक टूल आएगा, जिससे क्रिएटर विज्ञापन स्लॉट में बदलाव कर सकेंगे।
कमाई
ऑटोमैटिक विज्ञापनों से हो सकती है ज्यादा कमाई
यूट्यूब का कहना है कि अगर क्रिएटर मैन्युअल और ऑटोमैटिक दोनों तरह के विज्ञापन स्लॉट का उपयोग करें तो उन्हें ज्यादा कमाई हो सकती है।
एक प्रयोग में पाया गया कि ऐसे वीडियो, जिनमें स्वचालित और मैन्युअल दोनों स्लॉट थे, सिर्फ मैन्युअल स्लॉट वाले वीडियो की तुलना में 5 प्रतिशत ज्यादा कमाई करते हैं।
हालांकि, क्रिएटर यूट्यूब स्टूडियो में जाकर ऑटोमैटिक विज्ञापनों को बंद कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से उनकी आमदनी कम हो सकती है।
नियंत्रण
क्रिएटरों को विज्ञापनों पर कम नियंत्रण मिलेगा
यूट्यूब पहले भी विज्ञापनों को लेकर क्रिएटरों का नियंत्रण घटा चुकी है।
2023 में, उसने यह विकल्प हटा दिया था कि क्रिएटर यह तय कर सकें कि विज्ञापन स्किप किए जा सकते हैं या नहीं और वे वीडियो की शुरुआत या अंत में होंगे या नहीं।
अब इस नए बदलाव के साथ, क्रिएटरों को विज्ञापन स्लॉट चुनने में कम आजादी मिलेगी। अभी यह साफ नहीं है कि अगर क्रिएटर मैन्युअल स्लॉट चुनते हैं, तो क्या कुछ विज्ञापन नहीं दिखेंगे।