अब यूट्यूब वीडियो अपलोड करते वक्त ही मिल जाएगी कॉपीराइट क्लेम की चेतावनी
क्या है खबर?
गूगल के वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर कंटेंट क्रिएटर्स को अक्सर उनके वीडियो पर कॉपीराइट क्लेम का सामना करना पड़ता है।
कई बार क्रिएटर्स को पता नहीं होता कि उनके वीडियो का कोई हिस्सा कॉपीराइट के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
यूट्यूब अब एक नया टूल लेकर आई है, जो वीडियो अपलोड होते वक्त अपने आप चेक कर देगा कि क्रिएटर के वीडियो में किसी तरह का कॉपीराइट क्लेम आने या नियमों के उल्लंघन का डर तो नहीं है।
टूल
नए टूल का नाम रखा 'चेक्स'
यूट्यूब के नए टूल का नाम 'चेक्स' रखा गया है और इसके साथ कंटेंट क्रिएटर्स के लिए वीडियो अपलोड करने और ऐड रेवेन्यू पाने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
यह टूल अपलोड किए गए वीडियो में से कॉपीराइटेड कंटेंट को स्क्रीन करेगा, जिसके चलते क्रिएटर्स को पता चल जाएगा कि उनके वीडियो के किस हिस्से पर कॉपीराइट क्लेम आ सकता है।
कॉपीराइट क्लेम आने के बाद वीडियो को टेकडाउन किया जा सकता है और उनसे क्रिएटर्स को रेवन्यू नहीं मिलता।
फायदा
वीडियो मॉनिटाइज करना होगा आसान
नए टूल क्रिएटर्स आसानी से जान पाएंगे कि उनका वीडियो मॉनिटाइजेशन के लिए जरूरी नियमों का पालन करता है या नहीं।
अगर किसी वीडियो पर कॉपीराइट से जुड़ा दावा आता है, तो उसके सामने 'यलो डॉलर आइकन' दिखने लगता है।
यूट्यूब की कोशिश होगी कि कम से कम वीडियोज के सामने क्रिएटर्स को यलो आइकन दिखे और मॉनिटाइजेन की प्रक्रिया आसान बनाई जा सके।
इसके बावजूद अगर कोई कॉपीराइट क्लेम आता है तो क्रिएटर्स उसके लिए डिस्प्यूट कर सकते हैं।
तरीका
कंटेंट ID की मदद से काम करेगा टूल
यूट्यूब टूल कंटेंट ID का इस्तेमाल क्रिएटर के वीडियो को दूसरे राइट होल्डर के साथ मैच करने के लिए करेगा।
अगर कोई हिस्सा कॉपीराइट के चलते प्रभावित होने की स्थिति में होगा तो टूल क्रिएटर को नोटिस दिखाएगा।
अगले स्टेप पर वीडियो का वह हिस्सा हटाया या एडिट किया जा सकेगा।
यहीं पर क्रिएटर्स को 'सी डीटेल्स' और 'रिक्वेस्ट रिव्यू' जैसे विकल्प ऐड सुटेबिलिटी के लिए मिल जाएंगे।
टूल चेक करेगा कि वीडियो ऐड गाइडलाइंस फॉलो करता है कि नहीं।
कमाई
राइट होल्डर को मिलती है वीडियो की कमाई
अगर किसी वीडियो में दूसरे क्रिएटर का कॉपीराइटेड वीडियो या ऑडियो कंटेंट इस्तेमाल किया गया है, तो उसके मॉनिटाइजेशन पर पाबंदियां लग जाती हैं।
बेशक वीडियो के बहुत छोटे से हिस्से में कॉपीराइटेड कंटेंट इस्तेमाल किया गया हो, लेकिन इससे होने वाली कमाई ओरिजनल कॉपीराइट वाले क्रिएटर्स को मिलती है।
इसीलिए यूट्यूब पर यह बेहद जरूरी है कि फाइनल वीडियो पोस्ट करने से पहले कॉपीराइट से जुड़ी दिक्कतें दूर कर ली जाएं।