2026 में क्यों महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन और लैपटॉप?
क्या है खबर?
टेक सेक्टर की जानकारी का मानना है कि अगले साल यानी 2026 से स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। अंतर्राष्ट्रीय डाटा निगम (IDC) के जानकारों का कहना है कि दुनियाभर में मेमोरी चिप्स की कमी इसका बड़ा कारण बन रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े डाटा सेंटर की मांग बढ़ने से DRAM मेमोरी की सप्लाई प्रभावित हुई है। इसका सीधा असर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स पर पड़ सकता है।
लागत
मेमोरी चिप की कमी से बढ़ेगी लागत
IDC के मुताबिक, बढ़ते AI डाटा सेंटर के कारण DRAM मेमोरी की मांग तेजी से बढ़ी है। इससे स्मार्टफोन और लैपटॉप बनाने वाली कंपनियों को नई मेमोरी चिप्स समय पर नहीं मिल पा रही हैं। हाल के हफ्तों में DRAM की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है। कम मार्जिन पर काम करने वाले ब्रांड्स के लिए लागत संभालना मुश्किल हो गया है, इसलिए कीमतें बढ़ाना मजबूरी बन सकती है।
बोझ
ग्राहकों पर डाला जाएगा बढ़ी लागत का बोझ
IDC का अनुमान है कि 2026 में स्मार्टफोन और लैपटॉप की औसत कीमतें करीब 8 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं, जिससे आम ग्राहकों की जेब पर असर पड़ेगा। खासकर बजट और मिड-रेंज डिवाइस सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, जहां मुनाफा पहले ही सीमित रहता है। कंपनियां या तो कीमतें बढ़ाएंगी या फिर डिवाइस में मेमोरी कम करेंगी। हालांकि, कम मेमोरी से फोन और लैपटॉप की परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है, जिससे यूजर का अनुभव खराब होने की आशंका बढ़ जाएगी।
उम्मीद
संकट जल्दी खत्म होने की उम्मीद कम
विशेषज्ञों का कहना है कि मेमोरी चिप संकट का कोई त्वरित समाधान फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। बड़े मैन्युफैक्चरर पहले ही पूरी क्षमता पर काम कर रहे हैं और नई फैक्ट्रियां लगाना महंगा और समय लेने वाला है, जिसमें सालों लग सकते हैं। इसके साथ ही कंपनियां AI सेक्टर को ज्यादा प्राथमिकता दे रही हैं। ऐसे में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चिप सप्लाई पर दबाव बना रह सकता है, जो लंबे समय तक बाजार को प्रभावित करता रहेगा।