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क्या है खबर?
सूर्य की गतिविधियां हर 11 साल में बदलती हैं, जिसे 'सौर चक्र' कहा जाता है। यह चक्र सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र के उलटने और सनस्पॉट की संख्या में वृद्धि से जुड़ा है। सूर्य की गतिविधियां जब भी बदलती हैं तो उससे पृथ्वी पर भी काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। आइए जानते हैं सूर्य अपनी गतिविधियों में बदलाव क्यों करता है और इसका पृथ्वी पर प्रभाव क्या होता है।
वजह
सूर्य के 11 साल के चक्र का क्या है कारण?
चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव: सूर्य के भीतर संचालित होने वाले गतिशीलता के कारण सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र समय के साथ बदलता है। लगभग हर 11 साल में यह चुंबकीय क्षेत्र उलटता है, जिससे सनस्पॉट की संख्या और गतिविधियां बढ़ जाती हैं। सौर गतिविधियों का बढ़ना और घटना: इस चक्र के दौरान, सनस्पॉट की संख्या और सौर गतिविधियां बढ़ती हैं। सौर अधिकतम के समय, सनस्पॉट की संख्या अधिकतम होती है, जबकि सौर न्यूनतम के समय सनस्पॉट की संख्या कम होती है।
सौर तूफान
सौर तूफान है सबसे बड़ा प्रभाव
सौर तूफान: सूर्य की गतिविधियों में वृद्धि से सौर तूफान पैदा हो सकते हैं, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं। यह पृथ्वी पर रेडियो संचार, GPS, पावर ग्रिड और सैटेलाइट्स पर असर डाल सकते हैं। सौर तूफान को उनकी शक्ति के हिसाब से G1-G5 तक 5 श्रेणियों में बांटा गया है। ऑरोरा: सौर तूफान के कारण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर अद्भुत रोशनी का अनुभव होता है, जिसे ऑरोरा बोरेलिस और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस कहा जाता है।
प्रभाव
अन्य प्रभाव
सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष यात्री सुरक्षा: बढ़ती सौर गतिविधियां सैटेलाइट्स की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षा के लिहाज से जोखिम पैदा कर सकती हैं, क्योंकि सौर विकिरण का स्तर बढ़ जाता है। जलवायु परिवर्तन: कुछ अध्ययनों के अनुसार, सूर्य की गतिविधियों का जलवायु पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। सौर विकिरण में परिवर्तन से पृथ्वी के तापमान और जलवायु पैटर्न प्रभावित हो सकते हैं।