
क्यों और कब से मनाया जा रहा है विश्व एस्ट्रोयड दिवस?
क्या है खबर?
हर साल 30 जून को दुनियाभर में विश्व एस्ट्रोयड दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1908 में रूस के साइबेरिया स्थित तुंगुस्का में हुए एक भीषण विस्फोट की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। उस समय एक एस्ट्रोयड के कारण 2,000 वर्ग किलोमीटर जंगल तबाह हो गया था। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार, उस विस्फोट की ताकत लगभग 185 हिरोशिमा बमों के बराबर थी, जिसने पृथ्वी पर स्थायी असर छोड़ा।
उद्देश्य
कब से मनाया जाता है और इसका उद्देश्य क्या है?
संयुक्त राष्ट्र ने 2016 में आधिकारिक रूप से 30 जून को विश्व एस्ट्रोयड दिवस के रूप में मान्यता दी थी। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष से आने वाले खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत अंतरिक्ष खोजकर्ताओं के एक प्रस्ताव से हुई थी, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र की अंतरिक्ष समिति ने भी समर्थन दिया। 2029 को एस्ट्रोयड जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया है।
प्रयास
वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसियों का प्रयास
इस दिन का मकसद सिर्फ याद भर नहीं है, बल्कि भविष्य के लिए तैयारी भी है। नासा का डार्ट मिशन इस दिशा में एक बड़ी पहल रहा है, जिसमें एक अंतरिक्ष यान को जानबूझकर एस्ट्रोयड से टकराकर उसकी दिशा बदली गई। यह साबित करता है कि वैज्ञानिक भविष्य में पृथ्वी को टक्कर से बचाने में सक्षम हो सकते हैं। अब ऐसे मिशनों को बढ़ावा देने और आम लोगों में जानकारी फैलाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
घटनाएं
इतिहास में कई बार धरती पर गिरे एस्ट्रोयड
1908 की तुंगुस्का घटना के अलावा 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क में एक उल्कापिंड गिरा, जिससे 1,600 लोग घायल हुए। माना जाता है कि करीब 6.6 करोड़ साल पहले एक विशाल एस्ट्रोयड ने डायनासोर को खत्म कर दिया। 2008 में सूडान में एस्ट्रोयड फटने से रेगिस्तान में पत्थर बिखर गए। नासा के अनुसार, 2029 में 340 मीटर चौड़ा अपोफिस नाम का विशाल एस्ट्रोयड पृथ्वी के बेहद पास से गुजरेगा और इसे नंगी आंखों से देखा जा सकेगा।