कौन हैं भारतीय मूल के कंप्यूटर इंजीनियर अजय भट्ट, जिन्हें मिलेगा पद्मश्री?
क्या है खबर?
भारतीय मूल के अमेरिकी कंप्यूटर इंजीनियर अजय वी भट्ट को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा। उन्हें विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।
मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर को दूसरे डिवाइस से जोड़ने के लिए जिस यूनिवर्सल सर्विस बस (USB) केबल का इस्तेमाल किया जाता है, उसका अविष्कार भट्ट ने किया था, जिसे आज दुनियाभर में उपयोग में लिया जाता है।
आइये जानते हैं उनका तकनीकी के क्षेत्र में क्या-क्या योगदान रहा है।
शिक्षा
यहां हुई थी भट्ट की शुरुआती शिक्षा
अजय भट्ट का जन्म गुजरात के बड़ौदा में 6 सितंबर, 1957 को हुआ था। उन्होंने गृहनगर के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिकल) की डिग्री ली।
इसके बाद अमेरिका के सिटी कॉलेज ऑफ न्यूयॉर्क में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की। इसके बाद 1990 में इंटेल में वरिष्ठ स्टाफ आर्किटेक्ट के रूप में काम किया।
यहां वे चिपसेट आर्किटेक्चर टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य बन गए। उन्होंने I/O, चिपसेट, सॉफ्टवेयर और प्लेटफॉर्म आर्किटेक्चर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रेरणा
कहां से मिली थी USB को बनाने की प्रेरणा?
USB के आविष्कार ने उन्हें दुनियाभर में एक अलग पहचान दिलाई। इसे विकसित करने की प्रेरणा उन्हें अपने घर से ही मिली, जब उनकी पत्नी को बेटी के स्कूल प्रोजेक्ट को प्रिंट कराने में कठिनाई हुई।
ऐसे कार्यों को सरल बनाने और कंप्यूटर हार्डवेयर कनेक्टिविटी की आवश्यकता से प्रेरित होकर अजय भट्ट ने एक ऐसी यात्रा शुरू की, जिसने प्रौद्योगिकी का चेहरा बदल दिया।
इससे न केवल यूजर्स की सुविधा बढ़ी, बल्कि कंप्यूटर लागत में भी कमी आई।
योगदान
इन तकनीकों के विकास में रहा योगदान
USB के अलावा अजय भट्ट ने एक्सेलेरेटेड ग्राफिक्स पोर्ट (AGP), PCI एक्सप्रेस, CIO/थंडरबोल्ट, सेंसिंग और इंटीग्रेटेड सेंसर हब आर्किटेक्चर, इंटीग्रेटेड टच और यूनिवर्सल स्टाइलस, USB टाइप-C बनाकर बड़ा योगदान दिया।
प्लेटफॉर्म पावर मैनेजमेंट आर्किटेक्चर और विभिन्न अन्य चिपसेट सहित कई व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली तकनीकों का निर्माण किया।
उनके पास 132 अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हैं और कई अन्य दाखिल करने के विभिन्न चरणों में हैं।
सम्मान
भट्ट को मिल चुके हैं ये सम्मान
1998, 2003 और 2004 में भट्ट को अमेरिका और एशिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों में विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला में भाग लेने के लिए नामांकित किया गया था।
2002 में PCI एक्सप्रेस विकास में उनके योगदान के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया।
GQ इंडिया के जुलाई 2010 अंक में '50 सबसे प्रभावशाली वैश्विक भारतीयों' की सूची में शामिल किया गया। 2012 में 'द लाइट ऑफ इंडिया' अवार्ड और 2013 में लंदन के 'द एशियन अवार्ड' से सम्मानित किया जा चुका है।