नासा के एथेना मिशन का क्या है उद्देश्य, जिसे 26 फरवरी को किया जाएगा लॉन्च?
क्या है खबर?
नासा का नया एथेना मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए तैयार है।
यह 6 पैरों वाला नोवा-सी लैंडर है, जिसे अमेरिका की इंट्यूटिव मशीन कंपनी ने विकसित किया है। नासा इस मिशन को अपने वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS) कार्यक्रम के तहत वित्तपोषित कर रही है।
स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट से इसे 26 फरवरी को लॉन्च करने की योजना है और 6 मार्च को मॉन्स माउटन क्षेत्र में उतरने का प्रयास किया जाएगा।
उद्देश्य
एथेना मिशन का क्या है उद्देश्य?
एथेना लैंडर में अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनका उपयोग चंद्रमा की सतह और उसके नीचे मौजूद पानी और अन्य संसाधनों की जांच के लिए किया जाएगा।
इसमें एक शक्तिशाली ड्रिल और मास स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं, जो चंद्र मिट्टी में गैसों की उपस्थिति को मापने में मदद करेंगे।
नासा इस मिशन के तहत नोकिया का LTE 4G कम्युनिकेशन सिस्टम भी भेज रहा है, जिससे भविष्य में चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संचार की सुविधा विकसित की जा सके।
फायदा
एथेना मिशन से क्या होगा फायदा?
यह मिशन चंद्रमा पर मौजूद पानी के संसाधनों को तलाशने और उनके उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
नासा के अनुसार, चंद्र ध्रुवों पर मौजूद पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके रॉकेट ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे भविष्य के मंगल अभियानों के लिए ईंधन की आपूर्ति संभव हो सकेगी।
इसके अलावा, इस मिशन के जरिए चंद्रमा पर मानव बस्ती स्थापित करने की संभावनाओं को भी मजबूती मिलेगी।
ड्रोन
मिशन में विशेष ड्रोन भी होगा शामिल
इस मिशन के तहत लैंडर पर एक विशेष ड्रोन भी तैनात किया जाएगा, जो चंद्रमा की सतह पर कूदने में सक्षम होगा और वैज्ञानिक डाटा एकत्र करेगा।
नासा इस अभियान को आर्टेमिस कार्यक्रम का अहम हिस्सा मानता है, जिसके तहत चंद्रमा को मंगल मिशन के लिए एक लॉन्च पैड की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।
अगर यह सफल होता है, तो यह नासा के आर्टेमिस अभियान को मजबूत करेगा, जिससे भविष्य में इंसानों को चंद्रमा पर भेजने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
दिशा
चंद्र शोध को मिलेगी नई दिशा
एथेना मिशन के साथ नासा का लूनर ट्रेलब्लेजर ऑर्बिटर भी लॉन्च किया जाएगा, जो चंद्रमा पर मौजूद पानी के वितरण का अध्ययन करेगा।
नासा के अनुसार, इस अभियान से चंद्र शोध को नई दिशा मिलेगी और मानवयुक्त चंद्र अभियानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होंगी।
बता दें, नासा के आर्टेमिस III मिशन के तहत 2027 तक इंसानों को चंद्रमा पर भेजने की योजना बनाई गई है। इस योजना में स्पेस-X का स्टारशिप रॉकेट भी शामिल है।