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म्यूल अकाउंट धोखाधड़ी क्या है और इससे कैसे सुरक्षित रहें?
साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है (तस्वीर: पिक्साबे)

म्यूल अकाउंट धोखाधड़ी क्या है और इससे कैसे सुरक्षित रहें?

Sep 02, 2025
07:46 pm

क्या है खबर?

भारत में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है। म्यूल अकाउंट ठगी भी एक तरह की ठगी है, जिसमें अपराधी अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए सामान्य लोगों के बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे अकाउंट देश में बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी का बड़ा कारण बन चुके हैं। बैंकिंग सुविधाओं की कमी और आसान ऑनलाइन लेन-देन की वजह से यह अपराध और तेजी से फैल रहा है।

ठगी

क्या है म्यूल अकाउंट ठगी?

म्यूल अकाउंट असल में अपराधियों के लिए वित्तीय साधन बन जाते हैं। अपराधी इन्हें चोरी किए गए या धोखे से हासिल किए गए पैसों को इधर-उधर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इन अकाउंट्स की मदद से फिशिंग, लोन धोखाधड़ी और अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग जैसे घोटाले आसानी से चलाए जाते हैं। चूंकि इनमें अक्सर कम मूल्य के कई लेन-देन होते हैं, इसलिए इन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है और धोखेबाज लंबे समय तक इनका फायदा उठाते हैं।

अकाउंट

ऐसे चलाए जाते हैं अकाउंट

धोखेबाज कमजोर समूहों को आसान पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। कई लोग थोड़े पैसों के बदले कुछ दिनों के लिए अपने बैंक अकाउंट किराए पर दे देते हैं। वहीं अपराधी नकली या चोरी की पहचान से नए अकाउंट खोलकर उन्हें तुरंत धोखाधड़ी नेटवर्क से जोड़ देते हैं। इन अकाउंट्स में तेजी से लेन-देन किया जाता है और फिर खाली कर छोड़ दिया जाता है। इस तरह अपराधी अपने असली पहचान को छिपाकर सुरक्षित बने रहते हैं।

सुरक्षा

कैसे रहें सुरक्षित?

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की धोखाधड़ी से बचने का सबसे आसान तरीका है कि कभी भी अपना बैंक अकाउंट या लॉगिन जानकारी किसी अनजान व्यक्ति को न दें। नकद इनाम या नौकरी के बहाने अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले ऑफर से बचें। अकाउंट की गतिविधियों पर नजर रखें और किसी संदिग्ध लेन-देन की तुरंत सूचना बैंक को दें। जागरूकता अभियान और बैंक की सलाह पर भरोसा करें, ताकि इस तरह की जालसाजी से सुरक्षित रह सकें।