ढेरों लोकप्रिय वेबसाइट्स पर एकसाथ दिखने लगी 'एरर 500', जानें क्या है इसका मतलब?
इंटरनेट की दुनिया का बड़ा हिस्सा इस वक्त 'एरर 500' का सामना कर रहा है और ढेरों वेबसाइट्स, ऐप्लिकेशंस और गेम्स लोड होने में दिक्कतें आ रही हैं। इन सेवाओं में डिस्कॉर्ड, अमेजन वेब सर्विसेज, शॉपिफाइ और कॉइनबेस से लेकर लीग ऑफ लीजेंड्स, माइक्राफ्ट और वालोरेंट जैसे लोकप्रिय गेम्स तक शामिल हैं। वेबसाइट्स पर आ रही दिक्कत के लिए कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क क्लाउडफ्लेयर को जिम्मेदार पाया गया है, जो इन सभी सेवाओं को सपोर्ट करता है।
क्या होती है 500 इंटरनल सर्वर एरर?
यूजर्स को इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान 500 इंटरनल सर्वर एरर का सामना तब करना पड़ता है, जब वेब सर्वर में दिक्कतें आ रही होती हैं। एरर 500 तब दिखाई जाती है, जब सर्वर में मौजूद परेशानी को किसी एक खास एरर पर पिनपॉइंट नहीं किया जा सकता और परेशानी की सटीक वजह का पता नहीं चल पाता। यही वजह है कि इसे फिक्स करना आसान नहीं होता और यह सर्वर से जुड़ी कई दिक्कतों के चलते दिख सकती है।
स्क्रीन पर दिखाए जाते हैं अलग-अलग मेसेजेस
किसी वेबसाइट के लिए 500 इंटरनल सर्वर एरर आने पर अक्सर यूजर्स को इस एरर का नाम एक मेसेज के साथ दिखता है, जिसमें 'ऊप्स, समथिंग वेंट रॉन्ग' लिखा होता है। इस एरर को स्क्रीन पर दिखाने के लिए अलग-अलग वेबसाइट्स अलग तरीके अपनाती हैं। आपको स्क्रीन पर '500 इंटरनल सर्वर एरर' के अलावा 'HTTP 500 - इंटरनल सर्वर एरर', 'टेंपरेरी एरर (500)', 'HTTP 500 इंटरनल एरर', '500 एरर' और 'HTTP एरर 500' जैसे मेसेज दिख सकते हैं।
कई मामलों में ऐसे फिक्स हो जाती है एरर
अक्सर 500 इंटरनल सर्वर एरर को फिक्स करने के लिए वेबपेज रिफ्रेश करने भर से काम चल जाता है। इसके अलावा आप कुछ देर बार वेबसाइट ऐक्सेस करने की कोशिश कर सकते हैं। ब्राउजर की कुकीज डिलीट करने या फिर इसे 504 गेटवे टाइमआउट एरर के तौर पर ट्रबलशूट करना भी कई बार काफी होता है। सभी तरीके आजमाने के बाद भी एरर दिख रही हो, तो सर्वर की ओर से इसके फिक्स होने का इंतजार करना होगा।
क्या है क्लाउडफ्लेयर?
मौजूदा आउटेज के लिए दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट नेटवर्क्स में शामिल क्लाउडफ्लेयर को जिम्मेदार बताया गया है। कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क क्लाउडफ्लेयर से लाखों वेबसाइट्स और ऑनलाइन सेवाएं जुड़ी हुई हैं। यह कंपनी दुनियाभर के 270 से ज्यादा शहरों में डाटा सेंटर करती है और अपने नेटवर्क के जरिए वेबसाइट्स का कंटेंट यूजर्स तक पहुंचाती है। कंपनी की ओर से मौजूदा आउटेज को फिक्स करने पर काम किया जा रहा है।
कंपनी ने बताई सभी को एरर दिखने की वजह
क्लाउडफ्लेयर ने बताया, "इंटरनेट के शुरुआती दौर में जब आप कोई वेबसाइट लोड करते थे, तो रिक्वेस्ट कंप्यूटर से सर्वर पर भेजी जाती थी, जो बदले में वेब-पेज लोड करता था। एकसाथ ढेर सारी रिक्वेस्ट्स आने की स्थिति में सर्वर क्रैश या अनरिस्पॉन्सिव हो जाता था। क्लाउडफ्लेयर जैसी कंपनियों की शुरुआत ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए की गई।" कंपनी ने बताया कि इसकी सेवाओं में एक क्रिटिकल P0 इंसीडेंट देखने को मिला, जिसने नेटवर्क कनेक्टिविटी को प्रभावित किया है।
जल्द फिक्स हो जाएगी परेशानी
क्लाउडफ्लेयर की टीम मौजूदा आउटेज फिक्स करने पर काम कर रही है। कंपनी की मानें तो इसे काफी हद तक ठीक कर लिया गया है और जल्द यूजर्स को इसके रिजल्ट्स मिलना शुरू हो जाएंगे और वेबसाइट्स पहले की तरह लोड होने लगेंगी।