पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा CME, कल आ सकता है सौर तूफान
सूर्य की सतह पर इस समय कई सक्रिय सनस्पॉट मौजूद हैं। सनस्पॉट AR3559 में हाल ही में विस्फोट हुआ, जिससे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्लाउड और शक्तिशाली सोलर फ्लेयर भी उत्पन्न हुआ है। ये दोनों वर्तमान में तेजी से पृथ्वी की तरफ आ रहे हैं। नेशनल ओशनिक एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, पृथ्वी की तरफ आ रहा यह CME क्लाउड आज (4 फरवरी) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकता है।
पृथ्वी पर आ सकता है सौर तूफान
CME के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने के कारण पृथ्वी पर सौर तूफान आ सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि इस टक्कर से पृथ्वी पर कभी भी G1-श्रेणी का सौर तूफान आ सकता है। CME के प्रभाव से 4 से 6 फरवरी के बीच दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों को शॉर्टवेब रेडियो ब्लैकआउट का सामना करना पड़ेगा। सौर तूफान के प्रभाव के कारण कुछ जगहों पर आसमान में अरोरा देखने को भी मिलेगा।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है। अत्याधिक शक्तिशाली सौर तूफान पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके प्रभाव से सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंच सकता है और ये इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क सेवाओं को भी प्रभावित कर सकते हैं।