सोलर फ्लेयर के प्रभाव से हुआ रेडियो ब्लैकआउट, पृथ्वी पर आ सकता सौर तूफान
सूर्य पर मौजूद सक्रिय सनस्पॉट AR3514 में 31 दिसंबर को विस्फोट हुआ था, जिससे शक्तिशाली सोलर फ्लेयर उत्पन्न हुआ। नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) के अनुसार, 31 दिसंबर को विस्फोट के कारण उत्पन्न हुआ सोलर फ्लेयर X-श्रेणी का था, जिसकी तीव्रता 5.0 थी। इसे पिछले 7 वर्षों में सबसे शक्तिशाली सोलर फ्लेयर माना जा रहा है। इससे पहले पिछले साल ही 14 दिसंबर को भी सनस्पॉट AR3514 में एक विस्फोट हुआ था, जिससे X2.8 सोलर फ्लेयर उत्पन्न हुआ था।
सोलर फ्लेयर से हुआ रेडियो ब्लैकआउट
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, इस सोलर फ्लेयर ने रेडियो ब्लैकआउट को जन्म दिया है। दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों को शॉर्टवेब रेडियो ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है। इसके प्रभाव से नाविकों, आपातकालीन सेवाओं और मौसम विभाग समेत रेडियो सिग्नल का उपयोग करने अन्य लोगों को संचार करने में दिक्कत हो रही है। इस सोलर फ्लेयर से जल्द कोरोनल मास इजेक्शन (CME) निकलने की आशंका है, जिससे पृथ्वी पर सौर तूफान आ सकता है।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर सकते हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर इससे पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान हो सकता है। अंतरिक्ष वैज्ञनिकों ने सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर G1 से G5 तक कुल 5 श्रेणियों में विभाजित किया है। G1-श्रेणी का सौर तूफान हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है।