सनस्पॉट में विस्फोट से निकला सोलर फ्लेयर, पृथ्वी पर सौर तूफान आने की आशंका
सूर्य पर मौजूद सनस्पॉट AR3452 बीते कुछ दिनों से काफी सक्रिय था, जिसमें आज (10 अक्टूबर) सुबह 08:00 बजे के करीब विस्फोट हो गया है। नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) के अनुसार, यह विस्फोट सूर्य के पूर्वी छोर पर हुआ है। सनस्पॉट में इस विस्फोट से M-श्रेणी का सोलर फ्लेयर और शक्तिशाली कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्लाउड भी उत्पन्न हुआ है। यह CME क्लाउड अगले 48 घंटे में पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकता है।
दुनिया के कुछ हिस्सों में हुआ रेडियो ब्लैकआउट
अंतरिक्ष वेबसाइट स्पेस वेदर के अनुसार, सोलर फ्लेयर से आने वाले पराबैंगनी किरणों के कारण ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में R1-श्रेणी का शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट भी हुआ। यह शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट थोड़े समय के लिए जारी रहा, जिसके कारण ड्रोन पायलटों, नाविकों और आपातकालीन सेवाओं का उपयोग करने वाले लोगों को कुछ देर के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सनस्पॉट में इस विस्फोट से पृथ्वी पर 12 अक्टूबर को सौर तूफान आने की आशंका है।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर सकते हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। बता दें, सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है।