शुंभांशु और अन्य यात्री ISS पर करीब 14 दिन रहेंगे। ये दल ISS पर 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जिनमें से 7 भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं। इस दौरान माइक्रोग्रेविटी में विभिन्न प्रयोग और अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा।
शुभांशु शुक्ला: एक्सिओम-4 मिशन की लाइव अपडेट

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन क्या है?
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। इसमें अंतरिक्ष यात्री रहते हैं और परीक्षण किया करते हैं। यह 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमता रहता है और 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। 5 अलग-अलग अंतरिक्ष एजेंसीज ने इसे मिलकर बनाया है।
मिशन पर भारत ने खर्च किए 548 करोड़ रुपये
मिशन पर भारत ने करीब 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग का खर्च शामिल है। इसके अलावा उपकरण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में भी पैसे खर्च हुए हैं।
6 बार टाला गया था एक्सियोम-4 मिशन
शुभांशु का मिशन इससे पहले 6 बार टल चुका है। सबसे पहले 29 मई, फिर 8, 10, 11, 19 और 22 जून को मिशन को टाला गया। इस दौरान रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट में दिक्कत आने, मौसम ठीक नहीं होने और क्रू मेंबर की सेहत की वजह से मिशन लॉन्च नहीं हो सका।
ISS में क्या करने जा रहे हैं शुभांशु?
स्पेसक्राफ्ट से बोले शुभांशु- जय हिंद, जय भारत
लॉन्चिंग के दौरान शुभांशु ने कहा, "कमाल की फ्लाइट थी। पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं। ये मेरी ISS की यात्रा की शुरुआत नहीं है, ये भारत की यूनिक स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है। मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बने। आइए हम सब मिलकर भारत के इस यूनिक स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत करें। जय हिंद, जय भारत।
41 साल बाद अंतरिक्ष में गया कोई भारतीय
शुभांशु अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।
कब ISS पर पहुंचेंगे शुभांशु?
शुभांशु और बाकी यात्रियों का सफर करीब 28 घंटे को होगा। यानी वे कल शाम करीब 04:30 बजे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचेंगे। अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारने हैं।
एक्सियोम मिशन-4 की लॉन्चिंग हुई, शुभांशु इतिहास रचने को तैयार
एक्सियोम मिशन-4 की लॉन्चिंग हो गई है। इसके साथ ही शुभांशु अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु 4 दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी हैं।
कुछ देर में मिशन Axiom-4 की लॉन्चिंग
लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा के लिए उड़ान भरने वाला है। 12:01 बजे मिशन की लॉन्चिंग होगी। सभी अंतरिक्ष यात्री स्पेसक्राफ्ट में सवार हो चुके हैं।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने NDA से पढ़ाई की और 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए। वह एक अनुभवी परीक्षण पायलट हैं और 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव रखते हैं। उन्होंने भारत, रूस, अमेरिका, जर्मनी और जापान में अंतरिक्ष प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
दोपहर 12:01 बजे होगा लॉन्च
शुक्ला अपने अन्य 3 चालक दल के सदस्यों के साथ यान में बैठ गए हैं। आज दोपहर 12:01 बजे इस यान को लॉन्च किया जाएगा।
शुभांशु शुक्ला को है अपने बेटे पर गर्व
शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर जाने के साथ ही लखनऊ में उनका परिवार बहुत खुश है। उनकी मां आशा शुक्ला ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "हम इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते... हम ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लिए बिल्कुल भी डरे हुए नहीं हैं... हम बहुत खुश हैं, हमें बहुत गर्व है।"
शुक्ला अपने साथ क्या लेकर जा रहे हैं?
शुक्ला ने बताया था कि वह अंतरिक्ष में अपने साथ आम का रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा भी ले जा रहे हैं।
शुक्ला ने सुना 'वंदे मातरम' गीत
रिपोर्ट्स में बताय जा रहा है कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड की ओर जाते समय 'वंदे मातरम' गीत सुना था।
यान में आई समस्या को किया गया ठीक
उड़ान भरने से कुछ समय पहले ही यान में एक छोटी समस्या आ गई थी। इसको अब ठीक कर दिया गया है। एक बार अंतिम जांच पूरी हो जाने के बाद, शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 चालक दल उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
कई बार टला मिशन
एक्सिओम-4 मिशन को पहले कई बार टाला जा चुका है। फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव, इंजन से जुड़ी समस्या, स्टेशन पर रूसी मॉड्यूल की मरम्मत और मौसम का खराब होना इसकी प्रमुख वजहें रहीं।
कौन-कौन जाएगा?
इस मिशन में भारत के शुक्ला से अलग 2 यूरोपीय और 1 अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री भी हैं। सभी अंतरिक्ष यात्री 2 हफ्ते तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर रहेंगे और 60 से अधिक प्रयोग करेंगे।
जल्द लॉन्च होगा एक्सिओम-4 मिशन
भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज (25 जून) एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। यह मिशन भारतीय समयानुसार आज दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा से स्पेस-X के रॉकेट से लॉन्च होगा।