
आपातकाल पर बनीं इन फिल्मों ने जमकर बटोरीं सुर्खियां, पहली वाली से तो खूब गरमाई सियासत
क्या है खबर?
भारत में आपातकाल के 50 साल पूरे हो गए हैं। 25 जून 1975 का दिन देश के इतिहास में एक काले दिन के रुप में गिना जाता है, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल (इमरजेंसी) घोषित किया था। इस पर ना सिर्फ किताबें लिखी गई हैं, बल्कि कई फिल्में भी बन चुकी हैं। आइए जाने आपातकाल के काले अध्याय को सिनेमाई पर्दे पर दिखाती उन फिल्मों के बारे में, जो खूब विवादों में रहीं।
#1
'किस्सा कुर्सी का'
इंदिरा गांधी सरकार हिलाने से लेकर 'इमरजेंसी' के बाद हुए चुनावों में शबाना आजमी की फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' बड़ा मुद्दा बनी। 1974 में अमृत नाहटा के निर्देशन में बनी इस फिल्म पर 1975 में रोक लगा दी गई। इसके प्रिंट जब्त करके जला दिए गए। आपातकाल के दौर में हर फिल्म को पहले सरकार देखती थी। सरकार को लगा कि ये फिल्म संजय गांधी के ऑटो मेन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट का मखौल उड़ाती और सरकार की नीतियों को बदनाम करती है।
#2
'आंधी'
संजीव कुमार और सुचित्रा सेन स्टारर फिल्म 'आंधी' को आपातकाल के दौरान बैन कर दिया गया था। कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थकों ने आरोप लगाया कि फिल्म में सुचित्रा का किरदार इंदिरा गांधी पर आधारित है और यह उनकी नेता की छवि को खराब दिखाता है। इस फिल्म ने तत्कालीन सरकार की प्रधानमंत्री और उनके नेताओं की नींद उड़ा दी थी। कहते हैं कि तब चुनाव आयोग ने फिल्म को आचार संहिता के खिलाफ पाया था।
#3
'नसबंदी'
साल 1978 में आई इस फिल्म में आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों को दिखाया गया था। आई. एस जौहर इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक थे। फिल्म में उस समय के बड़े अभिनेताओं अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, मनोज कुमार और राजेश खन्ना के 'डुप्लीकेट' (हमशक्ल) थे। फिल्म की रिलीज के बाद इंदिरा गांधी सरकार को खराब तरीके से दिखाने की वजह से इस पर बैन लगा था, बावजूद इसके फिल्म ने सैटेलाइट प्रसारण के जरिए खूब लोकप्रियता हासिल की।
#4 और #5
'इंदु सरकार' और 'इमरजेंसी'
बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक मधुर भंडारकर ने आपातकाल के समय को लेकर फिल्म 'इंदु सरकार' बनाई थी, जो साल 2017 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को लेकर कांग्रेस पार्टी ने काफी हंगामा किया था। दरअसल, फिल्म में गांधी परिवार की कहानी दिखाई गई थी। दूसरी ओर कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' भी रिलीज से पहले खूब विवादों में रही थी। इस फिल्म का निर्देशन कंगना ने ही किया था और इसकी निर्माता भी वो खुद ही थीं।