एनवीडिया ने AI चिप के लिए ग्रोक के साथ किया समझौता, क्या होगा कंपनी को लाभ?
क्या है खबर?
एनवीडिया ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप सेक्टर में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए AI चिप बनाने वाली कंपनी ग्रोक के साथ एक नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंसिंग समझौता किया है। इस डील के तहत एनवीडिया, ग्रोक की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा और कंपनी के CEO जोनाथन रॉस सहित कई वरिष्ठ कर्मचारियों को हायर करेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां AI के लिए ज्यादा ताकतवर चिप्स की तलाश में हैं।
सौदा
सौदे का आकार बड़ा
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, एनवीडिया इस डील के तहत ग्रोक से करीब 20 अरब डॉलर (लगभग 1,800 अरब रुपये) के एसेट्स खरीद रही है। हालांकि, एनवीडिया ने साफ किया है कि यह ग्रोक का अधिग्रहण नहीं है। अगर यह आंकड़ा सही साबित होता है, तो यह एनवीडिया की अब तक की सबसे बड़ी डील मानी जा सकती है। इस साझेदारी से एनवीडिया की चिप मैन्युफैक्चरिंग और AI हार्डवेयर बाजार में पकड़ और मजबूत हो सकती है।
तकनीक
ग्रोक की अलग तकनीक ने खींचा ध्यान
AI चिप कंपनी ग्रोक पारंपरिक GPU से अलग LPU यानी लैंग्वेज प्रोसेसिंग यूनिट पर काम करती है। कंपनी का दावा है कि उसकी चिप्स बड़े लैंग्वेज मॉडल्स को दस गुना तेज और बहुत कम ऊर्जा खर्च करके चला सकती हैं। ग्रोक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जोनाथन रॉस पहले गूगल में TPU बनाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। यही तकनीकी अनुभव एनवीडिया के लिए इस सौदे को खास बनाता है।
रणनीति
तेजी से बढ़ती ग्रोक और एनवीडिया की रणनीति
ग्रोक ने सितंबर में 6.9 अरब डॉलर (लगभग 620 अरब रुपये) के मूल्यांकन पर 75 करोड़ डॉलर (लगभग 6,700 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई थी। कंपनी का कहना है कि वह 20 लाख से ज्यादा डेवलपर्स के AI ऐप्स को सपोर्ट कर रही है। एनवीडिया के साथ इस समझौते से ग्रोक की तकनीक को और बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा। वहीं एनवीडिया AI कंप्यूटिंग की रेस में अपनी बढ़त बनाए रखने की कोशिश और तेज कर देगा।