
शनि ही नहीं, इन ग्रहों के पास भी हैं रिंग्स, मगर दिखती नहीं
क्या है खबर?
अंतरिक्ष में जब भी रिंग्स की बात होती है तो सबसे पहले शनि ग्रह का नाम आता है। इसकी रिंग्स दूर से भी चमकती दिखती हैं, जो इसे बाकी ग्रहों से अलग बनाती हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि शनि अकेला ऐसा ग्रह नहीं है जिसके पास छल्ले हैं। कुछ और ग्रहों के पास भी रिंग्स मौजूद हैं, लेकिन वे आंखों से आसानी से दिखाई नहीं देतीं।
ग्रह
इन ग्रहों पर भी मौजूद हैं रिंग्स
बृहस्पति ग्रह के पास भी पतले रिंग्स हैं, जो 1979 में वॉयेजर-1 मिशन से खोजे गए थे। ये रिंग्स इतने हल्के और पतले हैं कि इन्हें दूरबीन से भी देख पाना मुश्किल है। इसके अलावा, यूरेनस ग्रह के पास भी 13 पतले रिंग्स पाए गए हैं, जो ज्यादातर धूल और छोटे कणों से बने हैं। ये रिंग्स भी आंखों से साफ नहीं दिखते, लेकिन वैज्ञानिक उपकरणों से इन्हें मापा गया है।
अन्य ग्रह
नेपच्यून पर भी हैं धूल के रिंग्स
नेपच्यून ग्रह के चारों ओर भी रिंग्स हैं, लेकिन वे टूटे-फूटे और बिखरे हुए हैं। इसलिए इन्हें पूरी तरह रिंग की तरह देखना मुश्किल होता है। इन रिंग्स में कई गैप और खाली जगह होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये रिंग्स पुराने चंद्रमाओं के टूटने या टकराने से बने हैं, जिनके टुकड़े ग्रह के चारों ओर घूम रहे हैं। इस वजह से ये रिंग्स बहुत हल्के और कम दिखाई देते हैं।
निर्माण
कैसे बनते हैं ग्रहों के ये रिंग्स?
ग्रहों के चारों ओर मौजूद रिंग्स आमतौर पर बर्फ, धूल और छोटे-छोटे चट्टानी टुकड़ों से बने होते हैं। ये टुकड़े किसी पुराने चंद्रमा के टूटने, उल्कापिंडों से टकराव या गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ग्रह की कक्षा में फंस जाते हैं। समय के साथ ये टुकड़े एक घेरे में घूमने लगते हैं और एक रिंग का रूप ले लेते हैं। यही कारण है कि कई ग्रहों के पास रिंग्स होते हैं, मगर वे हल्के और कम दिखते हैं।