नासा और इंट्यूटिव मशीन्स का एथेना लैंडर चंद्रमा पर पहुंचा, क्या करेगा काम?
क्या है खबर?
नासा और इंट्यूटिव मशीन्स (IM) का एथेना लैंडर आज (6 मार्च) रात 11:02 बजे चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतर गया।
यह IM का दूसरा चंद्र मिशन है और अमेरिका की कॉमर्सियल अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
एथेना ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मॉन्स माउटन क्षेत्र में लैंडिंग की, जो वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
इससे पहले IM का ओडीसियस लैंडर फरवरी, 2024 में उतरा था, लेकिन सीमित समय तक ही कार्य कर सका।
मिशन
क्या है एथेना मिशन?
एथेना रोबोटिक लैंडर है, जिसे विशेष रूप से चंद्रमा की सतह पर मौजूद पानी की बर्फ की खोज और संसाधनों के अध्ययन के लिए विकसित किया गया है।
यह मिशन नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) कार्यक्रम के तहत संचालित किया जा रहा है। एथेना, फायरफ्लाई एयरोस्पेस के ब्लू घोस्ट लैंडर के बाद चंद्रमा पर उतरने वाला दूसरा अमेरिकी निजी लैंडर है।
इस मिशन की अवधि 10 दिनों की होगी, क्योंकि इसके बाद चंद्रमा की रात शुरू हो जाएगी।
काम
मिशन में कैसे काम करेगा एथेना?
एथेना लैंडर में अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें एक ड्रिल, एक रोवर और एक छोटा हॉपर शामिल है।
MAPP नामक रोवर चंद्रमा की सतह का 3D मानचित्र तैयार करेगा, संचार प्रणालियों का परीक्षण करेगा और सतह की तस्वीरें लेगा।
नासा का PRIME-1 ड्रिल चंद्रमा की मिट्टी की जांच करेगा और सतह के नीचे पानी की बर्फ की मौजूदगी का पता लगाएगा।
हॉपर छोटा यान होगा, जो लैंडिंग साइट से दूर छलांग लगाकर आसपास के क्रेटरों की खोज करेगा।
उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य और संभावित लाभ
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की बर्फ की खोज करना और उसकी उपलब्धता की पुष्टि करना है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्र बर्फ का उपयोग भविष्य में पीने के पानी, सांस लेने योग्य ऑक्सीजन और यहां तक कि रॉकेट ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
यह मिशन नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, जो 2027 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने की योजना बना रहा है।