फोन की बैटरी से जुड़े हैं ये बड़े मिथक, जानें क्या है सच्चाई
क्या है खबर?
स्मार्टफोन लोगों के जीवन का एक जरूरी हिस्सा है, लेकिन इसके बैटरी बैकअप और उसकी परफॉर्मेंस को लेकर लोगों को हमेशा शिकायत रहती है।
फोन के बैटरी बैकअप को बढ़ाने और फोन को तेजी से चार्ज करने के लिए कई टिप्स और ट्रिक्स भी चर्चित हैं।
बैटरी को खराब होने से बचाने के लिए भी कई तरीके बताए जाते हैं।
जान लेते हैं इनमें से कितना मिथक है और कितनी सच्चाई है।
एयरप्लेन
मिथक- एयरप्लेन मोड में तेजी से चार्ज होता है फोन
फोन को तेजी से चार्ज करने के लिए उसे एयरप्लेन मोड में चार्ज करने वाली बात सच है, लेकिन यह बहुत प्रभावी नहीं है।
दरअसल, एयरप्लेन मोड में सभी रेडियो फ्रीक्वेंसी, वाई-फाई और ब्लूटूथ कनेक्शन बंद हो जाने से फोन थोड़ा तेज चार्ज होता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एयरप्लेन मोड में चार्जिंग से फोन चार्ज होने में सिर्फ 4 मिनट का फर्क दिखा। इस दौरान यूजर्स कॉल या इंटरनेट से जुड़ा कोई काम भी नहीं कर सकते हैं।
ब्लूटूथ
मिथक- वाई-फाई और नेटवर्क करते हैं ज्यादा बैटरी की खपत
यह मिथक सही है कि फोन वाई-फाई या नेटवर्क खोजने और उससे कनेक्ट करने में काफी बैटरी खपत करता है।
आपने गौर किया होगा कि ट्रेन या किसी यात्रा के दौरान बैटरी तेजी से डिस्चार्ज होती है। इसकी वजह यह है कि फोन को बार-बार मोबाइल नेटवर्क से कनेक्ट करना पड़ता है।
हालांकि, यात्रा के दौरान ज्यादा बैटरी लाइफ के लिए स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम करने और फोन को स्लीप मोड में डालने जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
चार्जर
मिथक- नकली चार्जर खराब करते हैं बैटरी
नकली चार्जर से फोन की बैटरी खराब होने की बात सही है।
दरअसल, फोन के साथ आने वाले चार्जर फोन के हिसाब से अलग-अलग पावर और बेहतरीन सेफ्टी फीचर्स से लैस होते हैं। कुछ अन्य कंपनियों के चार्जर में भी सेफ्टी फीचर्स होते हैं।
लोकल चार्जर में सुरक्षा से जुड़े कोई उपाय नहीं होते हैं। ऐसे चार्जर फोन की बैटरी को खराब कर सकते हैं। ऐसे में ओरिजनल या अच्छी कंपनी का चार्जर इस्तेमाल करना ही फायदे का सौदा है।
जानकारी
मिथक- ठंक में कम बैकअप देती है बैटरी
यह एक बड़ा मिथक है कि ठंड में बैटरी कम बैकअप देती हैं। इसके उलट बैटरी को ठंडे तापमान में इस्तेमाल करना और बैटरी को ठंडा रखना उसके लाइफ को बढ़ाने के लिए बेहतर है।
मिथक
मिथक- 100 प्रतिशत के बाद भी चार्जिंग में लगे रहने पर खराब होती है बैटरी
फोन को 100 प्रतिशत चार्ज होने पर भी चार्जिंग में लगाकर रखने या फोन को रात भर चार्जिंग में लगाकर छोड़ने से बैटरी खराब होने के बारे में आपने सुना होगा। यह पूरी तरह से सही नहीं है।
दरअसल, फोन के साथ आने वाले चार्जर में ऐसा सिस्टम दिया जाता है, जो फोन के 100 प्रतिशत चार्ज होने पर सप्लाई रोक देता है।
हालांकि, फोन को चार्जिंग पर लगाकर छोड़ना सही नहीं है और इससे बैटरी पर दबाव पड़ता है।
मिथक
मिथक- कंप्यूटर/लैपटॉप से चार्ज करने पर खराब हो जाती है बैटरी
आपने सुना होगा कि कंप्यूटर या लैपटॉप से फोन को चार्ज करने पर वह खराब हो जाता है। इस बात में सच्चाई नहीं है।
लैपटॉप आदि से चार्ज करने पर फोन आमतौर पर काफी धीरे चार्ज होता है और यह बैटरी के लिए अच्छा है।
दरअसल, बैटरी जितनी कम स्पीड से चार्ज होती है उस पर उतना ही कम दबाव पड़ता है। इससे बैटरी लंबे समय तक बढ़िया ढंग से काम करती है।
डिस्चार्ज
मिथक- पूरी तरह से डिस्चार्ज करके चार्ज करें फोन की बैटरी
फोन की बैटरी को पूरी तरह से डिस्चार्ज करके चार्ज किए जाने पर उसके बढ़िया बैकअप का दावा करने वाली बातें सही नहीं है।
आपको बता दें कि ऐसा करने से बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है।
दरअसल, बैटरी पर सबसे अधिक दबाव उसके पूरी तरह से चार्ज होने या फिर पूरी तरह से डिस्चार्ज होने पर ही पड़ता है। इसलिए बैटरी की लंबी लाइफ के लिए इसे हमेशा 20 प्रतिशत से अधिक और 80 प्रतिशत से कम रखें।