अगले साल सबसे पहले बड़े शहरों को मिलेगी 5G कनेक्टिविटी- दूरसंचार विभाग
भारत में सभी बड़ी टेलिकॉम कंपनियां 5G टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं और इसका रोलआउट अगले साल शुरू हो सकता है। दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया गया है। DoT ने कहा है कि भारत के मेट्रो और बड़े शहरों को अगले साल सबसे पहले 5G रोलआउट का फायदा मिलेगा। इन शहरों में गुरुग्राम, बेंगलुरू, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे शामिल हैं।
मार्च-अप्रैल में हो सकती है स्पेक्ट्रम की नीलामी
सरकार की योजना अगले साल मार्च-अप्रैल महीने में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की है, जिसके बाद आधिकारिक रोलआउट पर काम शुरू होगा। इस साल सितंबर में DoT ने ने टेलिकॉम सेक्टर रेग्युलेशन अथॉरिटी (TRAI) से स्पेक्ट्रम नीलामी को लेकर सुझाव मांगे थे। TRAI से रिजर्व प्राइस, बैंड प्लान, ब्लॉक साइज और स्पेक्ट्रम क्वॉन्टम से जुड़े पहलुओं पर सुझाव मांगे गए थे, वहीं रेग्युलेटर ने इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से सलाह लेने को कहा है।
सबसे पहले बड़े शहरों में आएगा 5G
आधिकारिक बयान में TRAI ने कहा, "5G सेवाओं के रोलआउट के लिए टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया ने गुरुग्राम, बेंगलुरू, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली, जामनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे और गांधी नगर में ट्रायल्स किए हैं।" बयान में कहा गया है कि भारत में 5G सेवाएं लॉन्च होने पर सबसे पहले इन शहरों को फायदा मिलेगा और बाद में इन्हें दूसरे शहरों तक पहुंचाया जाएगा।
रेग्युलेटर की ओर से स्पष्टीकरण जरूरी
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि 5G रोलआउट को लेकर रेग्युलेटर के नियम साफ होने जरूरी हैं। एरिक्सन में एशिया पैसिफिक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मैग्नस ईवरब्रिंग ने कहा, "सबसे जरूरी अभी रेग्युलरेटर की ओर से स्पष्टीकरण मिलना है। अभी स्पेक्ट्रम की लाइसेंसिंग उपलब्ध होनी चाहिए और उन्हें आसान शर्तों पर मिलना चाहिए। इस पर भी चर्चा हो रही है कि स्पेक्ट्रम की कीमत बहुत ज्यादा है और नई टेक्नोलॉजी के रोलआउट पर आने वाला खर्च कम होना जरूरी है।"
ग्रामीण क्षेत्रों में भी आएगी नई टेक्नोलॉजी
भारत में 5G ट्रायल्स के लिए DoT की ओर से टेलिकॉम कंपनियों को छह महीने का वक्त और हरी झंडी दी गई थी। इन छह महीनों में ट्रायल्स के लिए तैयार होने और उपकरण सेटअप करने के लिए दो महीने का वक्त शामिल था। डिपार्टमेंट ने कहा था कि हर एलिजिबल टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को अर्बन के अलावा रूरल और सेमी-अर्बन सेटिंग्स में भी 5G ट्रायल्स करने होंगे, जिससे नई टेक्नोलॉजी केवल शहरी क्षेत्रों तक की सीमित ना रह जाए।
मिलेगी कई गुना बेहतर इंटरनेट स्पीड
टेलिकॉम कंपनियों को 5G ट्रायल्स करने के लिए एक्सपेरिमेंटल स्पेक्ट्रम दिए गए थे, जिनका इस्तेमाल वे अपने उपकरणों और 5G सेवाओं की टेस्टिंग के लिए कर सकती थीं। 5G टेक्नोलॉजी के साथ यूजर्स को बेहतर हाई-स्पीड इंटरनेट अनुभव मिलने की उम्मीद की जा रही है। तीन गुना बेहतर स्पेक्ट्रम इफीशिएंसी और अल्ट्रा-लो लेटेंसी के साथ अलग-अलग सेक्टर्स और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल का तरीका बदलेगा।
जियो और एयरटेल के बीच दिखेगी होड़
भारती एयरटेल के अलावा रिलायंस जियो भी 5G टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है और दोनों ही कंपनियां सफलतापूर्वक ट्रायल कर चुकी हैं। 4G रोलआउट के वक्त भी इन दोनों की टक्कर देखने को मिलेगी और एक बार फिर ऐसा देखने को मिल सकता है।