मेटा ने मैसेंजर में जोड़ा डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर, जानें आपको क्या लाभ मिलेगा
फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा यूजर्स की सुरक्षा और गोपनीयता को बेहतर बनाने के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर लगातार नए-नए फीचर्स जोड़ रही है। कंपनी ने कई परीक्षणों के बाद मैसेंजर के लिए डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सुरक्षा शुरू कर दी है। मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि मैसेंजर पर व्यक्तिगत चैट और कॉल को डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मिलेगा। हालांकि, ग्रुप चैट के लिए एन्क्रिप्शन अभी भी डिफॉल्ट रूप से लागू नहीं होगा।
2016 में मैसेंजर में जोड़ा गया था एन्क्रिप्शन फीचर
मेटा ने मैसेंजर में 2016 में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन शामिल किया था, लेकिन यह उस समय डिफॉल्ट रूप से लागू नहीं होता था। मैसेंजर के उपाध्यक्ष लोरेडाना क्रिसन ने कहा कि कंपनी धीरे-धीरे मैसेंजर चैट्स पर डिफॉल्ट रूप से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू कर रही है। सभी मैसेंजर चैट्स पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू होने में अभी कुछ समय लग सकता है। इसे लागू करने पर भी यूजर्स प्लेटफॉर्म की थीम और रिएक्शन जैसी सुविधाओं का उपयोग पहले की तरह ही कर पाएंगे।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से क्या फायदा मिलेगा?
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक सुरक्षित संचार विधि है, जिसमें डाटा को एक से दूसरे सिस्टम में भेजने के दौरान तीसरे पक्ष को डाटा तक पहुंचने से रोका जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि यूजर के इंक्रिप्ट (भेजे गे) मैसेज को केवल चुने गए रिसीवर ही डिस्क्रिप्ट (पढ़) कर सकें। कोई भी तीसरा व्यक्ति, संगठन और सर्वर एन्क्रिप्ट किए गए ऐसे मैसेज को डिक्रिप्ट नहीं कर सकता है। कंपनी ने हाल ही में इंस्टाग्राम में भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर जोड़ा है।