ISRO कब शुरू करेगी तीसरा लॉन्च पैड? शीर्ष वैज्ञानिक ने दी जानकारी
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह पर तीसरा प्रक्षेपण पैड विकसित करने की तैयारी कर रही है। एक शीर्ष वैज्ञानिक ने बताया कि इसके लिए उपयुक्त वेंडर्स की पहचान की जा रही है। यह लॉन्च पैड भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना का हिस्सा है। अंतरिक्ष एजेंसी इस लॉन्च पैड को 4 सालों में विकास, स्थापना और संचालन करने की योजना को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है।
आवश्यकता
तीसरा लॉन्च पैड इसलिए जरूरी
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक पद्मकुमार ES ने PTI से बातचीत में कहा कि 12,000-14,000 किलोग्राम से अधिक वजन वाले बड़े उपग्रहों को अंतरिक्ष में विभिन्न कक्षाओं में स्थापित करने की योजना को आगे बढ़ाने के लिए बड़े प्रक्षेपण यानों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ISRO तीसरे प्रक्षेपणपथ की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, "हम खरीद प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं और सही वेंडर्स की पहचान कर रहे हैं।
श्रीहरिकोटा
1971 में शुरू हुआ था परिचालन
श्रीहरिकोटा परिसर 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। यह बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी को विभिन्न प्रक्षेपण यानों का उपयोग करके कई उपग्रहों के लॉन्च के लिए सेवा प्रदान करता रहा है।इस अंतरिक्ष बंदरगाह का नाम 5 सितंबर, 2002 को बदलकर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) रखा गया था। इसका अक्टूबर, 1971 में 'रोहिणी-125' नामक ध्वनि उत्पन्न करने वाले रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ परिचालन शुरू किया।