ISRO अगले 3 महीनों में इन बड़े मिशनों को करने वाला है लॉन्च
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार नए नए अंतरिक्ष मिशन लॉन्च कर रहा है। अब आने वाले 3 महीनों में ISRO 7 मिशनों को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसमें मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान का पहला बिना क्रू वाला परीक्षण, रणनीतिक निगरानी सैटेलाइट, टेक्नोलॉजी डेमो सैटेलाइट और समुद्र तथा मौसम पर नजर रखने वाला ओशनसैट मिशन शामिल है। सरकार का कहना है कि ये सभी लॉन्च मार्च 2026 तक पूरे किए जाएंगे।
गगनयान
गगनयान का पहला बिना क्रू वाला बड़ा परीक्षण
गगनयान मिशन के तहत पहला बिना क्रू वाला परीक्षण उड़ान मानव मिशन से पहले की सबसे अहम तैयारी मानी जा रही है। इस उड़ान के दौरान ह्यूमन रेटेड रॉकेट की मजबूती, कक्षा में घूमते ऑर्बिटल मॉड्यूल का संचालन और क्रू मॉड्यूल की दोबारा वायुमंडल में एंट्री तथा समुद्र से सुरक्षित रिकवरी की जांच होगी। इन्हीं नतीजों के आधार पर आगे चलकर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की अंतिम रणनीति तय की जाएगी।
EOS 05
रणनीतिक सैटेलाइट से सीमा और समुद्र पर कड़ी निगरानी
आने वाले मिशनों में 2 बड़े रणनीतिक सैटेलाइट EOS 05 और EOS N1 भी शामिल हैं, जिनसे देश की सुरक्षा निगरानी क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार, एक सैटेलाइट का उपयोग भारतीय नौसेना समुद्र में गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कर सकती है, जबकि दूसरा सैटेलाइट चीन और पाकिस्तान की सीमा वाले इलाकों की लगातार निगरानी में मदद करेगा। इन्हें GSLV और PSLV रॉकेट से अलग अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
TDS 01
नई तकनीक दिखाएगा TDS 01 और ब्लू बर्ड सैटेलाइट
तकनीक के मोर्चे पर ISRO टेक्नोलॉजी डेमो सैटेलाइट TDS 01 भी लॉन्च करेगा, जिसमें हाई थ्रस्ट इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन, स्वदेशी ट्रैवलिंग वेव ट्यूब एम्पलीफायर और क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन जैसी नई प्रणालियां अंतरिक्ष में परखी जाएंगी। इसके साथ ही, अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल का ब्लू बर्ड ब्लॉक 2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट भी भारतीय रॉकेट से उड़ेगा, जो दुनियाभर के स्मार्टफोन पर तेज सैटेलाइट इंटरनेट देने की दिशा में एक अहम प्रयोग माना जा रहा है।
अन्य
ओशनसैट 3A और भारत की बढ़ती स्पेस ताकत
ओशनसैट 3A नाम का सैटेलाइट समुद्र के रंग, सतह के तापमान, हवाओं और बादलों जैसी जानकारी जुटाएगा, जिससे मौसम विभाग, मत्स्य पालन और समुद्री अनुसंधान संस्थानों को रोजाना उपयोगी डाटा मिल सकेगा। मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, ये मिशन न सिर्फ वैज्ञानिक जरूरतें पूरी करेंगे, बल्कि भारत को वाणिज्यिक अंतरिक्ष लॉन्च बाजार में भी बड़ा खिलाड़ी बनाएंगे। 2014 के बाद से ISRO ने विदेशी ग्राहकों के लिए सैकड़ों सैटेलाइट सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचाए हैं।