गूगल का इन-ऐप बिलिंग सिस्टम क्या है, जिसके खिलाफ भारतीय स्टार्टअप्स गए कोर्ट?
क्या है खबर?
प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों को लेकर लगे जुर्माने के बाद गूगल को एक बार फिर कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय स्टार्टअप्स का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और गूगल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मामला दायर किया है।
ADIF ने गूगल के नए इन-ऐप बिलिंग सिस्टम को को निलंबित किए जाने की मांग की है। जान लेते हैं कि क्या है गूगल का इन-एप बिलिंग सिस्टम।
आरोप
रुका हुआ है यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम
ADIF का आरोप है कि एंटीट्रस्ट रेगुलेटर की "निष्क्रियता" के चलते गूगल का यूजर च्वाइस बिलिंग (UCB) सिस्टम रुका है।
पिछले साल अक्टूबर में, CCI द्वारा दो एंटीट्रस्ट फैसले के बाद गूगल ने एंड्रॉयड डिवाइस पर इन-ऐप खरीदारी के लिए अपने नए बिलिंग सिस्टम को रोक दिया था जो कि 31 अक्टूबर से प्रभावी होना था।
गूगल का नया इन-ऐप बिलिंग सिस्टम 26 अप्रैल से प्रभावी होगा। इसमें डेवलपर्स गूगल को 11 से 26 प्रतिशत कमीशन देंगे।
बिलिंग
गूगल की पेमेंट सर्विस के लिए देना होता है भारी कमीशन
इन-ऐप बिलिंग सिस्टम उन लोगों से जुड़ा है जो एंड्रॉयड डिवाइस पर इस्तेमाल होने वाले ऐप बनाते हैं और इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर के जरिए ग्राहकों तक पहुंचाना चाहते हैं।
ऐप बनाने वाले डेवलपर्स के लिए गूगल ने ऐसी शर्त लगाई थी कि जब ग्राहक किसी ऐप को खरीदना चाहे तो डेवलपर्स ग्राहकों से पैसे लेने के लिए सिर्फ गूगल प्ले बिलिंग सर्विस का इस्तेमाल करें। गूगल की इस पमेंटे सर्विस के लिए भारी कमीशन देना होता था।
पेमेंट
ऐप के जरिए होने वाले भुगतान के लिए भी गूगल पेमेंट सर्विस के इस्तेमाल का दबाव
पेमेंट से जुड़ी गूगल की शर्त सिर्फ ऐप के शुरुआती पेमेंट के लिए ही नहीं बल्कि उस खरीदे गए ऐप के इस्तेमाल के दौरान होने वाले किसी भुगतान यानी इन-ऐप पेमेंट के लिए भी जरूरी कर दी गई थी।
CCI ने इस मामले में गूगल को अपने एकाधिकार का गलत फायदा उठाने का दोषी मानते हुए उस पर जुर्माना लगाने के साथ ही थर्ड पार्टी पेमेंट सर्विस या कहें UCB की सुविधा देने के लिए भी कहा था।
गूगल
गूगल ने प्ले सपोर्ट पेज पर दी ये जानकारी
गूगल ने प्ले सपोर्ट पेज पर लिखा है भारत में हाल ही में हुए कानूनी बदलावों के मुताबिक, गूगल प्ले की पेमेंट पॉलिसी में बदलाव किया जा रहा है। सभी डेवलपर, भारत में गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम के साथ-साथ अन्य बिलिंग सिस्टम उपलब्ध करा सकते हैं।
यह सुविधा, उन यूजर्स को उपलब्ध कराई जाएगी जो गूगल प्ले पर मौजूद ऐप्लिकेशन में इन-ऐप्लिकेशन खरीदारी के लिए मोबाइल और टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं। ये बदलाव 26 अप्रैल से लागू होंगे।