
होंडा अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ा रही कदम, रियूजेबल रॉकेट का किया सफल परीक्षण
क्या है खबर?
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मशहूर होंडा कंपनी ने अब अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ाया है।
होंडा R&D ने बीते दिन (17 जून) जापान के होक्काइडो स्थित ताकी टाउन में एक रियूजेबल रॉकेट का सफल लॉन्च और लैंडिंग परीक्षण किया है।
रॉकेट करीब 300 मीटर की ऊंचाई तक गया और 37 सेमी के भीतर लक्ष्य बिंदु पर सुरक्षित लैंड हुआ। उड़ान लगभग 56.6 सेकंड तक चली और इससे साबित हुआ कि रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
खासियत
रॉकेट की बनावट और उड़ान की तकनीक
होंडा के इस रॉकेट की लंबाई 6.3 मीटर और व्यास 85 सेंटीमीटर है।
इसका सूखा वजन 900 किलो और ईंधन भरने के बाद 1,312 किलो है। रॉकेट को इस तरह से बनाया गया है कि यह कई बार उपयोग में लाया जा सके। यह रॉकेट ऊर्ध्वाधर दिशा में उड़ता और लौटता है।
परीक्षण के दौरान उड़ान की स्थिरता, दिशा नियंत्रण और तय स्थान पर सटीक लैंडिंग जैसे तकनीकी पहलुओं की सफलता से होंडा को नई ऊर्जा मिली है।
परीक्षण
परीक्षण के लिए खास सुरक्षा इंतजाम
होंडा ने परीक्षण के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा।
1 किलोमीटर के दायरे में एक प्रतिबंधित क्षेत्र बनाया गया था, जहां आम नागरिकों की पहुंच नहीं थी। सुरक्षा गेट, संकेत और कर्मियों की तैनाती की गई।
रॉकेट में ऐसी तकनीकें भी लगाई गई थीं जो तय रफ्तार और दिशा से किसी भी विचलन को रोकती थीं। परीक्षण स्थानीय प्रशासन और लोगों के सहयोग से हुआ। यह दिखाता है कि होंडा तकनीक और सुरक्षा दोनों को महत्व देती है।
लक्ष्य
अंतरिक्ष में भविष्य की योजनाएं और होंडा का लक्ष्य
होंडा अब अंतरिक्ष तकनीक में आगे बढ़ना चाहती है। कंपनी का लक्ष्य है कि 2029 तक उप-कक्षीय उड़ानों की क्षमता हासिल कर ली जाए।
होंडा रोबोटिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी और ड्राइविंग टेक्नोलॉजी जैसी अपनी क्षमताओं को जोड़कर अंतरिक्ष में उपयोगी सेवाएं देना चाहती है।
CEO तोशीहिरो मिबे के अनुसार, यह परीक्षण एक प्रेरणादायक कदम है। यह भविष्य में होंडा को न केवल तकनीकी रूप से बल्कि सेवा और नवाचार के स्तर पर भी नई ऊंचाई देगा।