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गूगल ने क्रोम की एजेंटिक सुविधाओं के लिए किए सुरक्षा उपाय, जानिए कैसे दूर करेगी जोखिम 
गूगल ने क्रोम आगामी एजेंटिक सुविधाओं के लिए सुरक्षा उपाय किए हैं (तस्वीर: अनस्प्लैश)

गूगल ने क्रोम की एजेंटिक सुविधाओं के लिए किए सुरक्षा उपाय, जानिए कैसे दूर करेगी जोखिम 

Dec 09, 2025
10:29 am

क्या है खबर?

टेक कंपनियां ब्राउजर्स पर कई एजेंटिक फीचर्स के साथ प्रयोग कर रही हैं, जो टिकट बुक करने से लेकर या अलग-अलग चीजों की खरीदारी जैसी कामों को अपने आप कर सकेंगे। इन एजेंटिक क्षमताओं के साथ सुरक्षा जोखिम भी जुड़े हैं, जिनसे डाटा या पैसों का नुकसान हो सकता है। अब गूगल ने इन्हीं आशंकाओं के चलते ऑब्जर्वर मॉडल और यूजर की कार्रवाई के लिए सहमति का उपयोग करके क्रोम पर सुरक्षा को संभालने के तरीके के बारे में बताया।

क्रिटिक मॉडल

निगरानी के लिए बनाया  यूजर अलाइनमेंट क्रिटिक मॉडल 

दिग्गज टेक कंपनी का कहना है कि सभी एजेंटिक ब्राउजर्स के सामने आने वाला मुख्य नया खतरा अप्रत्यक्ष प्रॉम्प्ट इंजेक्शन है। इस हमले का उद्देश्य एजेंट को वित्तीय लेनदेन शुरू करने या संवेदनशील डाटा निकालने जैसी अवांछित कार्रवाइयां करने के लिए प्रेरित करना है। इससे निपटने के लिए जेमिनी के साथ मिलकर एक अलग यूजर अलाइनमेंट क्रिटिक मॉडल बनाया है, जो योजना पूरी होने के बाद हर प्रस्तावित कार्रवाई की दोबारा जांच कर उसे स्वीकृत या अस्वीकृत करता है।

अनुमति 

इन कार्यों के लिए जरूरी होगी यूजर की अनुमति

गूगल क्रोम की ओरिजिन-आइसोलेशन क्षमताओं का विस्तार कर रहा है, ताकि एजेंट उन्हीं स्रोत तक सीमित रहे, जो उसे दिए गए कार्य के लिए प्रासंगिक हों। बैंकिंग लेनदेन या व्यक्तिगत चिकित्सा जानकारी से संबंधित साइट्स पर जाने से पहले यूजर की पुष्टि आवश्यक होगी। गूगल पासवर्ड मैनेजर के माध्यम से क्रोम को किसी साइट पर साइन-इन करने, खरीदारी या भुगतान पूरा करने, मैसेज भेजने जैसे काम करने से पहले एजेंट आगे बढ़ने से पहले यूजर से अनुमति लेगा।

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