गूगल मैप्स की मदद से होगी फ्यूल और पैसों की बचत, आ रहा है नया फीचर
लोकप्रिय नेविगेशन ऐप गूगल मैप्स में लगातार नए फीचर्स शामिल किए जा रहे हैं, जिससे सफर के दौरान यूजर्स को परेशानी ना हो। ऐप में यूजर्स को रास्तों के अलावा उनपर मौजूदा ट्रैफिक की स्थिति और वैकल्पिक रास्तों की जानकारी दी जाती है। जल्द गूगल मैप्स की मदद से आप फ्यूल पर आने वाला खर्च कम करते हुए पैसों की बचत भी कर पाएंगे। आइए जानते हैं कि ऐसा कैसे होगा और इसके लिए किस फीचर की मदद लेनी होगी।
कार इंजन के हिसाब से दिखेगा बेस्ट रूट
नई रिपोर्ट में सामने आया है कि मैप्स यूजर्स को जल्द उनकी कार का इंजन टाइप चुनने का विकल्प दिया जाएगा। यानी कि अगर उनके पास पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड या फिर इलेक्ट्रिक कार है, तो वे इसका चुनाव रूट तय करने से पहले कर पाएंगे। कार इंजन टाइप के आधार पर गूगल मैप्स उन्हें बेस्ट रूट दिखाएगा, जिससे सफर के दौरान फ्यूल पर आने वाला खर्च कम से कम रखा जा सके।
इसलिए महत्वपूर्ण है नया गूगल मैप्स फीचर
गूगल की नेविगेशन ऐप यूजर के कार इंजन टाइप के आधार पर तय कर सकेगी कि किस रास्ते पर जाना सबसे सस्ता होगा। यूजर्स को सबसे कम खर्च वाला और सबसे तेज रास्ता दोनों में से चुनने का विकल्प भी मिल सकता है। नया फिल्टर ऐसी स्थिति में खासा फायदेमंद हो सकता है, जब फ्यूल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। आप जानते होंगे, गूगल मैप्स में कार, टू-व्हीलर और पैदल जैसे 'मोड ऑफ ट्रांसपोर्ट' पहले ही मिलते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
गूगल मैप्स ऐप को सबसे पहले साल 2005 में अमेरिका में लॉन्च किया गया था। इसके बाद इसको अपग्रेड कर के साल 2006 में ब्रिटेन में लॉन्च किया गया। भारत में गूगल मैप की सर्विस साल 2008 में शुरू हुई थी।
कई पहलुओं पर निर्भर करता है फ्यूल पर आने वाला खर्च
सफर के दौरान कितना फ्यूल खर्च होगा, यह बात ड्राइविंग के तरीके, सड़क की स्थिति और उसपर मौजूद ट्रैफिक जैसे पहलुओं पर निर्भर करती है। गूगल ऐसे पहलुओं का ध्यान रखते हुए यूजर्स को सही और सबसे सस्ता विकल्प दे सकती है। कुछ देशों में मैप्स ने इलेक्ट्रिक कारों और इलेक्ट्रिक बाइक्स के लिए चार्जिंग स्टेशंस की जानकारी देना भी शुरू कर दिया है। संभव है कि नई कोशिशों के साथ गूगल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बेस्ट रूट्स दिखा सके।
वाइड रोलआउट के लिए करना होगा इंतजार
सर्च इंजन कंपनी नया फीचर सभी यूजर्स के लिए कब तक लेकर आती है, देखना होगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी नया फीचर टेस्टिंग फेज में है और यूजर्स से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर इसमें बदलाव और सुधार किए जाएंगे। एक संभावना यह भी है कि आखिरी परिणामों के यूजर्स की उम्मीद से मेल ना खाने की स्थिति में इसे रोलआउट ना किया जाए। कंपनी ने अब तक आधिकारिक रोलआउट टाइमलाइन शेयर नहीं की है।
हवा की गुणवत्ता बताने से जुड़ा फीचर मिला
हाल ही में गूगल मैप्स में एक नया फीचर शामिल किया गया है, जिसके साथ हवा की गुणवत्ता से जुड़ी जानकारी मिलेगी। अब गूगल मैप्स पर दिखेगा कि अपने क्षेत्र में एयर क्वालिटी कितनी अच्छी या बुरी है और वायु प्रदूषण की स्थिति क्या है। भारत में एयर क्वालिटी से जुड़ा डाटा दिखाने के लिए गूगल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से डाटा जुटा रही है। बता दें भारत में AQI रेंज 0 से शुरू होकर 500+ तक जाती है।