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गूगल ने उत्तर प्रदेश में शुरू की एंड्रॉयड पर इमरजेंसी लोकेशन शेयरिंग, जानिए क्या मिलेगा फायदा 
गूगल ने इमरजेंसी लोकेशन शेयरिंग सुविधा शुरू की है

गूगल ने उत्तर प्रदेश में शुरू की एंड्रॉयड पर इमरजेंसी लोकेशन शेयरिंग, जानिए क्या मिलेगा फायदा 

Dec 23, 2025
03:45 pm

क्या है खबर?

गूगल ने भारत में इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ELS) फीचर लॉन्च किया है और इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से की गई है। यह एंड्रॉयड फोन में मौजूद एक सुरक्षा सुविधा है, जो आपात स्थितियों में जान बचाने में मददगार साबित हो सकती है। उन पलों में उपयोगी साबित हाेगा, जब संकट के समय लोग ठीक से बात भी नहीं कर पाते या जब सबसे खराब समय पर नेटवर्क फेल हो जाता है, तब यह आपकी लोकेशन बताएगा।

तरीका 

ऐसे काम करेगा यह फीचर 

गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में इन-बिल्ट ELS आपातकालीन नंबर- 112 डायल करने पर कॉलर की लोकेशन को ऑटोमैटिक रूप से आपातकालीन सेवाओं के साथ शेयर करता है। कई आपातकालीन स्थितियों में कॉल करने वाले घबराए हुए, घायल या स्पष्ट रूप से बोलने में असमर्थ हो सकते हैं। कुछ मामलों में कमजोर नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण स्थान की जानकारी शेयर करने से पहले ही कॉल कट सकती है। ELS इस कमी को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है।

तकनीक 

इस तकनीक से काम करता है ELS

यह सर्विस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क से प्राप्त संकेतों का उपयोग करके कॉलर के स्थान का सटीक (50-मीटर तक) पता लगाती है। फीचर डिवाइस की भाषा जैसी अतिरिक्त उपयोगी जानकारी भी शेयर कर सकता है, जिससे आपातकालीन स्थिति में सहायता कर्मियों को कॉल प्राप्त होने पर बेहतर संदर्भ मिल सके। ELS का मूल आधार एंड्रॉयड की मशीन लर्निंग पर आधारित एकीकृत लोकेशन सिस्टम है, जो कहीं से भी कॉल करने पर लोकेशन बता देता है।

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गोपनीयता 

गोपनीयता पर दिया गया जोर 

ELS पूरी तरह से निःशुल्क है और केवल आपातकालीन कॉल या मैसेज के दौरान ही सक्रिय होता है। इसके लिए यूजर्स को कोई अतिरिक्त ऐप डाउनलोड करने या विशेष हार्डवेयर का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। गूगल ने सेवा विकसित करते समय गोपनीयता को विशेष महत्व दिया है। लोकेशन डाटा सीधे फोन से आपातकालीन सर्विसेज को भेजा जाता है और गूगल की ओर से इसे न तो एकत्र किया जाता है और न ही संग्रहीत किया जाता है।

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परीक्षण 

परीक्षण में मिले शानदार परिणाम

उत्तर प्रदेश इस सुविधा को पूरी तरह से लागू करने वाला पहला राज्य है। इस सिस्टम को प्रदेश की पुलिस द्वारा एकीकृत किया गया है। पिछले कुछ महीनों में किए गए पायलट परीक्षण के दौरान परिणाम उत्साहजनक रहे। गूगल के अनुसार, ELS ने राज्य में 2 करोड़ से अधिक आपातकालीन कॉल और मैसेज के लिए लोकेशन की पहचान करने में मदद की। फिलहाल यह एंड्रॉयड 6.0 और उससे ऊपर के वर्जन पर उपलब्ध है।

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