AI के वजह से गूगल के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की हुई वृद्धि
टेक दिग्गज कंपनी गूगल के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बीते 5 वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी द्वारा जारी की गई 2024 की पर्यावरण रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में यह वृद्धि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को प्रदान करने के लिए आवश्यक ऊर्जा खपत वाले डाटा सेंटर की वजह से हुई है। बता दें, गूगल ने 2030 तक खुद को 'कार्बन न्यूट्रल' बनाने का उद्देश्य रखा है।
उत्सर्जन को कम करना हो सकता है चुनौतीपूर्ण
गूगल ने रिपोर्ट में कहा, "जैसा कि हम अपने उत्पादों में AI को और एकीकृत करते हैं, हमारे तकनीकी बुनियादी ढांचे के निवेश में अपेक्षित वृद्धि से जुड़ी बढ़ती ऊर्जा मांगों के कारण उत्सर्जन को कम करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।" रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल ने 2023 में 1.43 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ा, जो 2019 की तुलना में 48 प्रतिशत अधिक था और एक साल पहले की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक था।
माइक्रोसॉफ्ट के उत्सर्जन में भी बढ़त
गूगल के डाटा सेंटर ने 2023 में 2022 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक पानी की खपत की, जो 6.1 अरब लीटर है। गूगल की नई रिपोर्ट AI के विस्फोट से ग्रह पर पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रकाश डालती है। पिछले महीने माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि डाटा सेंटर निर्माण से 2020 से उसके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। माइक्रोसॉफ्ट ने इस दशक के अंत तक 'कार्बन नेगेटिव' होने का भी संकल्प लिया है।