पृथ्वी पर आया G2-श्रेणी का सौर तूफान, आकाश में दिखा रंगीन प्रकाश
क्या है खबर?
सूर्य के उत्तरी हिस्से में मौजूद 6 सनस्पॉट में से 1 में पिछले हफ्ते विस्फोट हुआ था, जिसके कारण कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्लाउड उत्पन्न हुआ था।
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) ने भविष्यवाणी की थी कि यह CME पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है।
बीते दिन (2 सितंबर) यह CME पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराया, जिससे पृथ्वी पर G2-श्रेणी का एक सौर तूफान आया।
प्रकाश
दुनिया के कुछ हिस्सों में आकाश में दिखा हरा प्रकाश
अंतरिक्ष वेबसाइट स्पेस वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, इस सौर तूफान के प्रभाव के कारण अमेरिका और दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में लोगों को आकाश में हरे रंग के प्रकाश वाला अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसे सामान्य तौर पर अरोरा कहा जाता है।
सौर तूफान के प्रभाव से दुनिया के कुछ हिस्सों में शॉर्टवेब रेडियो ब्लैकआउट की भी आशंका थी, लेकिन अभी तक कहीं से ऐसी सूचना नहीं आई है।
खतरा
सौर तूफान से खतरा
सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर सकते हैं।
अत्याधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है।
G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का और G5-श्रेणी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली होता है।