पृथ्वी पर आया G1-श्रेणी का सौर तूफान, दुनिया के कुछ हिस्सों में दिखा इसका प्रभाव
सूर्य पर मौजूद सनस्पॉट में विस्फोट के कारण 28 अक्टूबर को शक्तिशाली सोलर फ्लेयर उत्पन्न हुआ था, लेकिन इस दौरान कोई कोरोनल मास इजेक्शन (CME) उत्पन्न नहीं हुआ। नासा की सोलर डायनेमिक ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, सोलर फ्लेयर के कारण कल (30 अक्टूबर) पृथ्वी पर एक सौर तूफान आया था। AR3474 नामक एक सनस्पॉट अभी भी सक्रिय है, जिससे धीरे-धीरे सोलर फ्लेयर निकल रहे हैं। अगर इसमें विस्फोट होता है तो पृथ्वी पर एक और सौर तूफान आ सकता है।
G1-श्रेणी का था सौर तूफान
कल पृथ्वी से टकराने वाला सौर तूफान G1-श्रेणी का था, जिससे ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिला। अंतरिक्ष वेबसाइट स्पेस वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, इस तूफान के प्रभाव के कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में आसमान में रंगीन प्रकाश देखने को मिला, जिसे अरोरा कहा जाता है। AR3474 में विस्फोफ होने पर G1-श्रेणी से शक्तिशाली सौर तूफान आने की आशंका जताई जा रही है। सौर हवाएं अभी भी पृथ्वी के आसपास घूम रही हैं।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। बता दें कि G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है। सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं और मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट को बाधित कर सकते हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।