बड़े ड्रोन उड़ाने पर लग सकता है जुर्माना, नियमों में बदलाव
ड्रोन टेक्नोलॉजी पहले से सस्ती हो चुकी है और कोई भी मार्केट से छोटे-बड़े ड्रोन पर्सनल इस्तेमाल के लिए खरीद सकता है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने शुक्रवार को नए ड्रोन रूल्स लागू किए गए हैं, जिनके साथ ड्रोन उड़ाने वालों पर कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। 250 ग्राम से ज्यादा वजन वाला ड्रोन उड़ाने के लिए यूजर्स को हर फ्लाइट से पहले DGCA से अनुमति लेनी होगी। ऐसा ना करने पर उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है।
लंबी चर्चा के बाद बनाए गए नियम
नए ड्रोन रूल्स करीब 10 महीने तक चली लंबी चर्चा के बाद फाइनल किए गए हैं। हालांकि, इन नियमों में ड्रोन्स की मदद से सामान डिलीवर करने को अनुमति नहीं दी गई है। अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम रूल्स, 2021 में इंडिविजुअल और बिजनेस की ओर से किए जाने वाले ड्रोन के इस्तेमाल से जुड़ी शर्तें बताई गई हैं। ड्रोन्स से जुड़े प्रोडक्शन, रिसर्च, टेस्टिंग और इंपोर्ट की नियमावली भी इसमें बताई गई है।
ऐसे ड्रोन्स के लिए लेना होगा परमिट
250 ग्राम या इससे कम वजन वाले नैनो ड्रोन्स के अलावा बाकी ड्रोन्स उड़ाने के लिए परमिट लेना होगा। हालांकि, 15 मीटर प्रति सेकेंड से ज्यादा मैक्सिमम स्पीड, 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई और रिमोट पायलट से 100 मीटर से ज्यादा रेंज वाले सभी ड्रोन माइक्रो ड्रोन्स कैटेगरी में आएंगे, जिनके लिए टेक-ऑफ परमिशन की जरूरत होगी। सामान्य रूप से माइक्रो ड्रोन्स को 250 ग्राम से ज्यादा और एक किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्स में शामिल किया जाता है।
बिक्री और इंपोर्ट पर भी लागू होंगे नियम
नए नियमों में बताया गया है कि ड्रोन्स को अवैध रूप से इंपोर्ट करने, बेचने, खरीदने और किराए पर देने की स्थिति में भी जुर्माना भरना पड़ सकता है। भारी ड्रोन्स के लिए यह जुर्माने की रकम और भी ज्यादा होगी। नए नियम उन ड्रोन्स पर भी लागू होंगे, जो पहले से देश में मौजूद हैं। लाइसेंस्ड रिमोट पायलट के अलावा किसी और यूजर के ड्रोन उड़ाने को अपराध माना जाएगा।
सामान डिलीवर करने को अनुमति नहीं
ड्रोन्स को विजुअल लाइन ऑफ साइट (जहां तक रिमोट पायलट देख सकता है) से आगे उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा सामान पहुंचाने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। यानी कि ड्रोन्स का इस्तेमाल सर्वे, फोटोग्राफी, सुरक्षा और सूचनाएं जुटाने जैसे कामों के लिए ही किया जा सकेगा। दरअसल, कॉमर्शियल, सेफ्टी और लॉ एंड ऑर्डर या आपदा प्रबंधन जैसे कामों में ड्रोन का इस्तेमाल मेहनत और लागत दोनों को कम कर देता है।