ब्लॉकचेन, मेटावर्स और NFTs में संभावनाएं तलाशेगी फ्लिपकार्ट, लॉन्च किया नया लैब्स डिवीजन
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही इससे जुड़े विकल्प और संभावनाएं सामने आई हैं, जिनका हिस्सा ज्यादा से ज्यादा कंपनियां बनना चाहती हैं। इसका इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसीज, NFTs, मेटावर्स और वेब3 ऐप्लिकेशंस में देखने को मिल रहा है। अब भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट भी इससे जुड़ी संभावनाओं पर काम कर रही है। कंपनी ने इसके लिए एक डेडिकेटेड डिवीजन तैयार की है और इसे फ्लिपकार्ट लैब्स डिवीजन नाम दिया है।
लैब्स डिवीजन के साथ इनोवेशन की कोशिश
कंपनी के इन-हाउस इनीशिएटिव 'फ्लिपकार्ट लैब्स' का मकसद ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को समझना, इसे तैयार करना और इससे सीखना शामिल होगा। अपने इनोवेशन से जुड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत में इस साल फ्लिपकार्ट की कोशिश लैब्स के साथ वेब3 और मेटावर्स कॉमर्स पर फोकस करने की होगी। फ्लिपकार्ट ने कहा है कि इन इनोवेशंस में NFT से जुड़े यूज-केसेज, वर्चुअल इमर्सिव स्टोर, प्ले-टू-अर्न और दूसरे ब्लॉकचेन आधारित फंक्शंस शामिल होंगे।
पूरी तरह बदल सकती है ई-कॉमर्स इंडस्ट्री
फ्लिपकार्ट का मकसद मौजूदा ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को पूरी तरह बदलने का है और ऐसा तेजी से बदल रही नई टेक्नोलॉजी की मदद से किया जा सकेगा। लैब्स से जुड़ी घोषणा करते हुए फ्लिपकार्ट ने लिखा कि फ्लिपकार्ट लैब्स 'ई-कॉमर्स को पूरी तरह बदल देगी' और ग्राहकों का 'शॉपिंग अनुभव पहले से बेहतर' होने वाला है। ऐसा इंडस्ट्री के लिए बड़े स्तर पर कई टूल्स लाकर किया जाएगा, जिनपर काम शुरू किया गया है।
फ्लिपकार्ट हेडक्वॉर्टर्स में सेटअप की गई लैब्स
फ्लिपकार्ट लैब्स बेंगलुरू स्थित कंपनी के हेडक्वॉर्टर्स में सेटअप की गई है और यहीं से काम करेगी। इसे फ्लिपकार्ट ग्रुप की प्रोडक्ट स्ट्रैटजी एंड डिप्लॉयमेंट (PSD) आर्म का हिस्सा बनाया गया है। नई फंक्शनैलिटी और वर्चुअल वर्ल्ड टूल्स पर काम करने के अलावा फ्लिपकार्ट लैब्स पहले से इस सेक्टर में सक्रिय ब्रैंड्स, मर्चेंट्स, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजिस्ट्स से पार्टनरशिप भी कर सकती है। हालांकि, इससे जुड़े बदलाव सेवा में दिखने में कुछ महीनों का वक्त जरूर लग सकता है।
वर्चुअल स्टोर्स और नया शॉपिंग अनुभव
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से जुड़ी संभावनाओं को लेकर फ्लिपकार्ट के पास अपना एक एजेंडा है। कंपनी अगली हिट NFT सीरीज लाने या फिर पूरी तरह नया मेटावर्स लाने के बजाय मौजूदा फंक्शंस को ही नया रूप देने की कोशिश करेगी। इसका मतलब है कि फ्लिपकार्ट लैब्स जिस टेक्नोलॉजी पर काम करेगी, वह सीधे तौर पर ई-कॉमर्स से जुड़ी होगी। इस तरह वर्चुअल स्टोर्स और बेहतरीन शॉपिंग अनुभव जैसी रियल-वर्ल्ड ऐप्लिकेशंस देखने को मिल सकती हैं।
दूसरी कंपनियां भी कर रही हैं काम
फ्लिपकार्ट अकेली कंपनी नहीं है, जो मेटावर्स में ग्राहकों को शॉपिंग अनुभव देना चाहती है। अमेजन, नाइक और प्यूमा जैसे ब्रैंड्स भी अपने वर्चुअल स्टोर्स वर्चुअल दुनिया में ला रहे हैं। इन स्टोर्स में यूजर्स अपने 3D वर्चुअल अवतार लेकर जा सकेंगे और प्रोडक्ट्स आजमाकर देख पाएंगे। यहीं NFTs और वर्चुअल प्रोडक्ट्स जैसे एलिमेंट्स भी शामिल किए जा रहे हैं। ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) के साथ खरीदने से पहले प्रोडक्ट्स ट्राई किए जा सकेंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस
वेब3 का संबंध नई तरह की इंटरनेट सेवाओं से है, जिन्हें डिसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन्स की मदद से तैयार किया जाता है। इंटरनेट का यह हिस्सा वर्चुअल असेट्स, मेटावर्स और NFTs से संबंधित है। नए क्रिप्टो और मेटावर्स प्रोजेक्ट्स के चलते इससे जुड़ी चर्चा तेज हुई है।