एलन मस्क का 'मेटावर्स' पर तंज, कहा- चेहरे से स्क्रीन बांधकर कोई नहीं रहना चाहता
दुनिया के सबसे प्रभावशाली चेहरों में शामिल टेस्ला और स्पेस-X CEO एलन मस्क ने मेटावर्स के आइडिया पर तंज कसा है। सोशल मीडिया कंपनी मेटा जिस मेटावर्स को इंटरनेट का भविष्य बता रही है, मस्क को नहीं लगता कि यूजर्स उस वर्चुअल दुनिया को असली से ज्यादा महत्व देंगे। एलन ने यह मानने से इनकार कर दिया कि इंटरनेट यूजर्स जल्द एक हाइपर-वर्चुअल दुनिया का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने कहा, "कोई भी अपने चेहरे से स्क्रीन बांधकर नहीं रहना चाहता।"
यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू में दी अपनी राय
एलन मस्क यूट्यूब चैनल 'द बेबिलॉन बी' पर इंटरव्यू दे रहे थे, जब मेटावर्स से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने इस आइडिया पर असहमति जाहिर की। मस्क ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं मेटावर्स में यकीन करता हूं या नहीं लेकिन लोग इसके बारे में मुझसे ढेर सारी बातें करते हैं।" उन्होंने कहा कि वे ऐसा भविष्य नहीं देखते, जहां लोग ऐसी वर्चुअल रिएलिटी में रहेंगे, जिसकी शुरुआत मेटा जैसी कंपनियों की ओर से की गई है।
VR हेडसेट्स को लेकर मस्क ने किया मजाक
मेटावर्स से जुड़े वर्चुअल रिएलिटी (VR) वियरेबल्स को लेकर मस्क ने मजाक में कहा, "जब मैं छोटा था तो कहा जाता था कि टीवी स्क्रीन के बहुत पास मत बैठो वरना आंखें खराब हो जाएंगी और अब टीवी बिल्कुल (हाथ चेहरे के सामने रखते हुए) यहां आ गई है। मैं सोचता हूं कि क्या यह हमारे लिए अच्छा है?" उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई दिनभर अपने चेहरे पर स्क्रीन बांधकर रहना चाहता है।"
न्यूरालिंक टेक्नोलॉजी को VR ग्लासेज से बेहतर बताया
मस्क का कहना है कि VR ग्लासेज की तुलना में उनकी न्यूरालिंक टेक्नोलॉजी बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में बेहतर न्यूरालिंक आपको पूरी तरह एक वर्चुअल रिएलिटी में भेज सकती है।" बता दें, न्यूरालिंक भी एलन मस्क की कई इनोवेटिव कंपनियों में से एक है, जो इंसानी दिमाग और मशीनी इंटरफेस को आपस में जोड़ने की कोशिश कर रही है। न्यूरालिंक की मदद से यूजर्स अपने दिमाग में सोचने भर से मशीन को कमांड्स दे पाएंगे।
क्या है चेहरे से स्क्रीन बांधने का मतलब?
चेहरे से स्क्रीन बांधने से मस्क का मतलब VR हेडसेट्स के इस्तेमाल से है। मेटावर्स या किसी वर्चुअल दुनिया का हिस्सा बनने के लिए यूजर्स को खास तरह का वियरेबल अपनी आंखों पर पहनना होगा। यह हेडसेट पहनने के बाद ही वे वर्चुअल दुनिया का हिस्सा बन पाएंगे और दूसरों को वर्चुअली देख सकेंगे। एलन मस्क को नहीं लगता कि वर्चुअल दुनिया से जुड़े रहने के लिए यूजर्स दिनभर ऐसे हेडसेट्स पहनकर रहना चाहेंगे।
अरबों रुपये हो सकती है मेटावर्स की वैल्यू
बेशक एलन मस्क को मेटावर्स पर भरोसा ना हो लेकिन मेटा के अलावा भी ढेरों कंपनियां इसमें निवेश कर रही हैं। ग्रेस्केल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मेटावर्स की वैल्यू आने वाले दिनों में ट्रिलियन डॉलर (अरबों रुपये) तक पहुंच सकती है। नाइकी और एडिडास जैसी कंपनियां अपने NFTs लॉन्च कर रही हैं और उनकी बिक्री कर रही हैं। मेटावर्स से जुड़े कई हार्डवेयर और वियरेबल्स भी हाल ही के दिनों में लॉन्च किए गए हैं।
गलत साबित हुए हैं स्टीव जॉब्स जैसे नाम
मस्क का मेटावर्स को लेकर बयान आने वाले दिनों में गलत भी साबित हो सकता है। ऐपल फाउंडर स्टीव जॉब्स का मानना था कि यूजर्स बड़ी स्क्रीन वाले फोन कभी नहीं पसंद करेंगे लेकिन बाद में खुद ऐपल को बड़ी स्क्रीन वाले आईफोन बनाने पड़े।