ऑस्ट्रेलिया के अस्तित्व पर सर्च इंजन ने दिया चौंकाने वाला जवाब, जानें पूरा मामला
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग के सर्च रिजल्ट्स ने ऑस्ट्रेलिया जैसे देश के अस्तित्व को ही नकार दिया।
दरअसल, बुधवार को कुछ यूजर्स ने ब्लूस्की और मैस्टोडॉन पर बताया कि उन्होंने बिंग पर "क्या ऑस्ट्रेलिया है?" सर्च किया तो पता चला कि लिंक रिजल्ट आने से पहले एक टेक्स्ट बॉक्स में "नहीं" लिखा हुआ था।
एक टेक्नोलॉजी रिपोर्टर स्टिलघेरियन ने बुधवार को ब्लूस्काई पर पोस्ट किया कि बिंग ऑस्ट्रेलिया के अस्तित्व को ही नकार रहा है।
अस्तित्व
मिला-जुला था सर्च रिजल्ट
कई लोगों को सर्च रिजल्ट में बार-बार यह दिखाया कि ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में नहीं है, जबकि कई अन्य ने पाया कि बिंग इस बात की पुष्टि करता है कि ऑस्ट्रेलिया वास्तव में अस्तित्व में है।
एक यूजर ने बताया कि नियमित सर्च और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित बिंग सर्च में विरोधाभासी परिणाम देखने के मिलते हैं।
ये परिणाम कंवर्सेशनल सर्च की बजाय रेगुलर बिंग सर्च में दिखाई देते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट
ऑस्ट्रेलिया के अस्तित्व को लेकर फैलाया गया षडयंत्र
माइक्रोसॉफ्ट के AI पर आधारित सर्च अब ऑस्ट्रेलिया के अस्तित्व की पुष्टि करता है।
बिंग के को-पायलट ने गुरुवार को जवाब दिया कि ऑस्ट्रेलिया एक वास्तविक देश है।
उसने बताया कि यह एक संप्रभु राष्ट्र है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप की मुख्य भूमि, तस्मानिया द्वीप और कई छोटे द्वीप शामिल हैं। हालांकि, कुछ षडयंत्र आधारित सिद्धांत भी हैं जो दावा करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में नहीं है। यह सिद्धांत सत्य नहीं है, इसे वैज्ञानिक प्रमाणों से खारिज किया गया है।
फेसबुक
माइक्रोसॉफ्ट ने ठीक की समस्या
माइक्रोसॉफ्ट के एक प्रवक्ता ने कहा कि समस्या को ठीक कर लिया गया है। उन्होंने कहा, "इस बात को हमारे ध्यान में लाने के लिए धन्यवाद।"
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व में फेसबुक पर 20,000 बार साझा की गई एक पोस्ट में दावा किया गया कि ऑस्ट्रेलिया अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी में से एक है।
फेसबुक पोस्ट में बताया गया था कि 1,62,000 लोगों के नरसंहार को छिपाने के लिए ब्रिटेन द्वारा ऑस्ट्रेलिया की स्थापना की गई थी।
पोस्ट
पुरानी है ऑस्ट्रेलिया के अस्तित्व को नकारने की साजिश
ऑस्ट्रेलिया के अस्तित्व को नकारने की साजिश कथित तौर पर वर्ष 2006 से भी पहले की है जब फ्लैट अर्थ सोसाइटी फोरम पर एक यूजर्स ने कथित तौर पर दावा किया था कि ऑस्ट्रेलिया के बारे में सब कुछ मनगढ़ंत है और ऑस्ट्रेलियाई होने का दावा करने वाले सभी लोग "गुप्त सरकार एजेंट" थे।
वायरल हुई पोस्ट में दावा किया गया था कि यह मिथक ब्रिटेन ने फैलाया है। पोस्ट को 'ऑस्ट्रेलिया नो रियल' हैशटैग से शेयर किया गया था।