कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाहों में से 60 प्रतिशत अब भी ट्विटर पर मौजूद- स्टडी

कोरोना वायरस का पूरी दुनिया में आतंक मचा हुआ है। यह वायरस दुनियाभर में अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी लील चुका है। इसको लेकर लोगों के दिलों में दहशत बनी हुई है। सोशल मीडिया पर भी इसके संबंधित अफवाहें और गलत सूचनाएं चल रही हैं। ट्विटर पर इससे संबंधित लगभग 60 प्रतिशत ऐसी सूचनाएं हैं, जो फैक्ट चेकर ने गलत बताई हैं। रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
बता दें कि रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म ने यह अध्ययन जनवरी 2020 से मार्च 2020 के बीच सोशल मीडिया पर प्रकाशित हुई 225 खबरों, सूचना और पोस्ट पर किया है। ये सभी सूचनाएं अंग्रेजी में प्रकाशित की गई थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर पर गलत बताई जा चुकी 60 प्रतिशत सूचनाएं अभी भी चल रही हैं। इसी तरह फेसबुक पर 24 प्रतिशत और यूट्यूटब पर 27 प्रतिशत फर्जी गलत सूचनाएं और फर्जी खबरें चलाई जा रही हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इन सभी सूचनाओं पर चेतावनी लेबल (खबर के गलत होने की जानकारी) भी नहीं दिया जा रहा है। इससे लोग इन खबरों और सूचनाओं को सही मानने लगे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा फर्जी सूचनाएं और अफवाहें चल रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा सूचनाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट (UN) जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के अध्ययन और जानकारी को लेकर हैं। गलत सूचनाओं में 59 प्रतिशत को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, वहीं 38 प्रतिशत सूचनाएं पूरी तरह से झूठी तैयार की जाती हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि व्हॉट्सऐप सहित अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने फेक न्यूज को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन उन्होंने जांचकर्ताओं द्वारा पकड़ी गई फेक न्यूज और झूठी पोस्ट को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सोशल मीडिया कंपनियों ने फर्जी खबर और पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मार्च के अंतिम सप्ताह में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो की पोस्ट को हटा दिया था। इसका कारण था कि राष्ट्रपति ने अपनी पोस्ट में कोरोना वायरस को लेकर गलत सूचना को शामिल किया था। इस पोस्ट के वायरल होने और उसके प्रभाव को देखते हुए सोशल मीडिया कंपनियों ने उस पोस्ट को हटाकर अपनी सक्रियता दिखाई थीं।
सोशल मीडिया पर राजनेताओं और प्रमुख हस्तियों से संबंधित महज 20 प्रतिशत फर्जी पोस्ट की जाती है, लेकिन उनकी पहुंच 69 प्रतिशत यूजर्स तक होती हैं। ऐसे में ये जल्दी वायरल होती है। इसी प्रकार सबसे ज्यादा फर्जी खबरें और अफवाह आम लोगों द्वारा पोस्ट की जाती है, लेकिन वो कम ही यूजर्स तक पहुंचती है। झूठी खबरों से संबंधित पोस्ट में 36 प्रतिशत वो लोग शामिल होते हैं जो ज्यादातर मीडिया के संपर्क में होते हैं।