
डीपसीक को चीन ने घोषित किया राष्ट्रीय खजाना, जानिए इसका मतलब क्या है
क्या है खबर?
चीन की सरकार ने अपने लोकप्रिय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी डीपसीक को राष्ट्रीय खजाने का दर्जा दिया है।
इसका मतलब है कि सरकार इसे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण तकनीकी संपत्ति मान रही है। डीपसीक का AI मॉडल R1 वैश्विक स्तर पर काफी सफल हो रहा है और OpenAI व गूगल जैसी कंपनियों को टक्कर दे रहा है।
चीन इस चैटबॉट को AI क्षेत्र में अपनी ताकत मान रहा है और इसे सुरक्षित रखने के प्रयास कर रहा है।
मतलब
इस फैसले का क्या मतलब है?
राष्ट्रीय खजाना घोषित होने का मतलब यह है कि चीन अब डीपसीक की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देगा।
हाल ही में रिपोर्ट आई कि इसके कुछ कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त किए गए ताकि वे विदेश जाकर कंपनी की तकनीकी जानकारी लीक न करें। इससे चीन अपनी AI तकनीक को विदेशी प्रभाव से बचाने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि, इस फैसले पर विवाद भी हो रहा है, क्योंकि यह कर्मचारी अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन माना जा रहा है।
वजह
अन्य देश क्यों चिंतित हैं?
डीपसीक की बढ़ती ताकत को देखते हुए अमेरिका, यूरोप और भारत सतर्क हो गए हैं।
अमेरिका ने पहले ही चीनी AI कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि यूरोपीय संघ सख्त नियमों पर विचार कर रहा है। भारत भी अपने डाटा सुरक्षा नियमों की समीक्षा कर रहा है, ताकि विदेशी AI टूल्स के संभावित खतरे को कम किया जा सके।
भारत अपने स्वदेशी AI स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई नीतियां बना रहा है।