
कार्बन बजट खत्म होने के करीब, वैज्ञानिकों ने दी जलवायु संकट को लेकर चेतावनी
क्या है खबर?
कार्बन उत्सर्जन दर काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिसे लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा रफ्तार जारी रही तो 2 साल में शेष कार्बन बजट खत्म हो जाएगा। इससे 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान सीमा को बचाना मुश्किल हो जाएगा।
तापमान बढ़ने से दुनिया भर में बाढ़, सूखा, गर्मी और तूफान जैसे चरम मौसम और भी खतरनाक हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने तुरंत कदम उठाने की अपील की है।
उत्सर्जन
तेजी से बढ़ता उत्सर्जन
2024 में उत्सर्जन ने अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे यह तय कार्बन बजट और तेजी से खत्म हो रहा है।
रिपोर्ट कहती है कि इस लक्ष्य को पाने के लिए दुनिया को अब कुछ ही वर्षों में अपने उत्सर्जन को लगभग शून्य करना होगा, जो इस समय मुश्किल लग रहा है।
वैज्ञानिक मानते हैं कि हर साल की देरी से जलवायु आपदाओं का खतरा बढ़ता जाएगा। इसलिए उत्सर्जन में कटौती के प्रयास तेज करना जरूरी है।
समुद्र स्तर
समुद्र का स्तर बढ़ा
पिछले 10 सालों में समुद्र का स्तर दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है और अब यह हर साल लगभग 4 मिमी बढ़ रहा है।
इसकी वजह महासागर में जमा हो रही गर्मी और ग्लेशियरों का पिघलना है। यह बदलाव तटीय इलाकों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि तापमान 1.5 डिग्री तक भी बढ़ा तो कई तटीय शहरों में बाढ़ और लोगों के पलायन की स्थिति पैदा हो सकती है।
साल
2024 सबसे गर्म साल, खतरा और बढ़ा
2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है, जिससे यह साबित होता है कि जलवायु संकट और गहरा हो रहा है।
सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग तो बढ़ रहा है, लेकिन ऊर्जा की मांग उससे भी तेजी से बढ़ रही है। इससे फिर से कोयले और गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता बढ़ रही है।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि अब देरी नहीं की जा सकती, नहीं तो स्थिति काबू से बाहर हो जाएगी।