AI चैटबॉट बार्ड पर चुनावी प्रश्नों को सीमित करेगी अल्फाबेट, आगामी चुनावों को देखते लिया फैसला
क्या है खबर?
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट ने कहा है कि वह चुनाव संबंधी उन प्रश्नों को सीमित करेगी, जिनका जवाब उसका चैटबॉट बार्ड और सर्च जनरेटिव एक्सपीरियंस यूजर्स को दे सकते हैं।
कंपनी अगले साल की शुरुआत में इस बदलाव को लागू करने का विचार कर रही है।
बता दें कि अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के अलावा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और दक्षिण अफ्रीका में भी चुनाव होने वाले हैं।
बयान
AI की भूमिका को ध्यान में रखकर काम करेगी अल्फाबेट
टेक दिग्गज ने कहा कि वह चुनावों में उस भूमिका को खास तौर पर ध्यान में रखकर काम करेगी, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) निभा सकती है।
गौरतलब है कि AI का दुरुपयोग कर कुछ असामाजिक तत्व झूठी जानकारियां फैला रहे हैं, जो चुनाव में लोगों के वोट डालने के निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं। इसे लेकर कंपनियां और दुनियाभर की सरकारें सचेत हो गई हैं और AI के नियमन के प्रयास कर रही हैं।
मेटा
मेटा ने बनाई यह योजना
अल्फाबेट की तरह फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी मेटा भी चुनावों को लेकर कमर कस चुकी है।
अब अगर कोई विज्ञापनदाता फेसबुक और इंस्टाग्राम पर राजनीतिक, सामाजिक या चुनाव संबंधी विज्ञापन देता है तो उसे बताना पड़ेगा कि क्या उसने कंटेट बनाने के लिए AI या किसी दूसरे डिजिटल तरीके का सहारा लिया है।
दूसरी तरफ एलन मस्क का प्लेटफॉर्म एक्स अमेरिका में उम्मीदवारों और राजनीतिक पार्टियों के विज्ञापन दिखाना शुरू करेगा, जो अभी तक बंद थे।