कौन है सबसे अमीर राजनेता केजीएफ बाबू, जिन्होंने बनाई 350 करोड़ दान करने की योजना?
क्या है खबर?
कर्नाटक के सबसे अमीर राजनेता युसूफ शरीफ उर्फ केजीएफ बाबू ने विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है।
उन्होंने खुद को चिकपेट विधानसभा से कांग्रेस का भावी उम्मीदवार घोषित करते हुए एक घोषणा पत्र जारी किया है।
जिसमें साल 2022 से 2027 तक अपनी शिक्षा और कल्याण योजना के तहत क्षेत्र के प्रत्येक घर को 5,000 रुपये देने के लिए 350 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।
आइये जानते हैं कौन है केजीएफ बाबू।
योजना
क्या है केजीएफ बाबू की भावी योजना?
केजीएफ बाबू ने खुद को चिकपेट सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित करते हुए घोषणा पत्र जारी किया है।
उन्होंने न्यूज 18 से कहा, "मैं चुनाव को ध्यान में रखकर पैसे नहीं बांट रहा हूं। मैं चिकपेट के लोगों की मदद करना चाहता हूं, जहां मैं बड़ा हुआ हूं। मैं समाज को वापस देना चाहता हूं। मैं कई वर्षों से समाज सेवा कर रहा हूं। आप अब मुझे देख रहे हैं, लेकिन मेरा काम कई साल पहले शुरू हुआ था।"
जानकारी
केजीएफ बाबू ने कांग्रेस आलाकमान से मांगी अनुमति
केजीएफ बाबू ने कांग्रेस आलाकमान से कांग्रेस के बैनर तले उनके शैक्षिक,छात्रवृत्ति और समाज कल्याण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए एक आधिकारिक पार्टी विज्ञप्ति जारी करने की अनुमति मांगी है। इसके 31 अगस्त से पहले मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
दान
50,000 परिवारों को बांटे जाएंगे चेक
केजीएफ बाबू ने घोषणापत्र में चिकपेट के सभी 50,000 परिवारों को 5,000 रुपये के चेक वितरित करने का वादा किया है।
उन्होंने कहा, "मेरी योजना क्षेत्र के हर घर को बच्चों की शिक्षा के लिए 5,000 रुपये देने की है। प्राथमिक या सेकेंडरी सेक्शन में पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस हिसाब से 50,000 परिवारों के लिए पांच साल के लिए लगभग 125 करोड़ रुपये का बजट होगा। इसी तरह प्री-यूनिवर्सिटी के छात्रों को 5,000-5,000 रुपये दिए जाएंगे।"
अन्य योजना
झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए बनाए जाएंगे बहुमंजिला फ्लैट
केजीएफ बाबू ने कहा कि उनकी 180 करोड़ की लागत से क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए बहुमंजिला फ्लैट बनाने की योजना भी है। इसमें लिफ्ट, सुरक्षा व्यवस्था सहित सभी मूलभूत सुविधाएं होंगी।
उन्होंने कहा वह इस योजना को झुग्गी-झोपड़ियों के लोगों द्वारा अपनी जमीन देने पर ही आगे बढ़ा सकते हैं। वह भरोसा देना चाहते हैं कि प्रत्येक परिवार 6 लाख रुपये की लागत से बने फ्लैट दिए जाएंगे। इनका निर्माण धर्मार्थ फाउंडेशन के तहत कराया जाएगा।
परिचय
2021 के MLC चुनाव में चर्चा में आए थे केजीएफ बाबू?
कर्नाटक के मिलर्स रोड निवासी और कांग्रेस नेता केजीएफ बाबू साल 2021 में उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने बेंगलुरू शहरी सीट के लिए अपने MLC चुनावी हलफनामे में 1,743 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी।
इसके साथ ही वह लघु उद्योग और नगर प्रशासन मंत्री एमटीबी नागराज (1,200 करोड़) को पछाड़ते हुए राज्य के सबसे अमीर राजनेता बन गए थे।
हालांकि, बाद में बाबू 397 वोटों से वह चुनाव हार गए थे।
पृष्ठभूमि
बेहद गरीब में निकला था केजीएफ बाबू का बचपन
कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF) क्षेत्र से आने वाले शरीफ ने 'केजीएफ बाबू' का उपनाम अर्जित किया। उनके स्क्रैप डीलर का काम करने के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में उन्हें 'स्क्रैप बाबू' के नाम से भी जाना जाता है।
14 भाई-बहनों में सबसे बड़े शरीफ का परिवार एक समय बहुत गरीब था और उनके पिता ऑटोरिक्शा चलाते थे।
उस दौरान ऐसी हालत थी कि उन्हें और उनके परिवार को सिर्फ एक समय के भोजन से गुजारा करना पड़ता था।
बदलाव
केजीएफ बाबू के जीवन में कैसे आया बदलाव?
केजीएफ बाबू के अनुसार, कई साल कोलार गोल्ड फील्ड्स में बिताने के बाद उन्होंने भारत गोल्ड माइन्स के साथ स्क्रैप डीलर एसोसिएट के रूप में काम करना शुरू किया।
उनका व्यवसाय चल निकला और उन्होंने जल्द ही न केवल कोलार में बल्कि बेंगलुरु शहर में भी जमीन का कारोबार करना शुरू कर दिया।
इसके बाद उन्होंने पीछे नहीं देखा 2021 में 100 करोड़ रुपये की चल और 1,643.59 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की।
जानकारी
केजीएफ बाबू ने खरीदी थी अभिनेता अमिताभ बच्चन की कार
केजीएफ बाबू ने बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन की रोल्स रॉयस फैंटम कार भी खरीदी थी, लेकिन दस्तावेज के अभाव में उसे जब्त कर लिया था। उन्होंने एक चुनावी हलफनामे में अपने पास 1.10 करोड़ की हस्तनिर्मित घड़ी और 5 किलो सोना भी बताया है।
कार्रवाई
ED के निशाने पर भी आ चुके हैं केजीएफ बाबू
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जुलाई में काले धन को सफेद करने के मामले में केजीएफ बाबू के घर पर छापेमारी भी की भी।
इसको लेकर उन्होंने कहा कि उनकी दौलत मेहनत से कमाई हुई है। ED ने उन्हें इसलिए निशाना बनाया था कि वह कांग्रेस से हैं और MLC चुनाव में अपनी संपत्ति घोषित की थी। ED का दावा है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं, लेकिन यह गलत है। यह पूरा पैसा उनकी मेहनत की कमाई का है।