भारत में केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार किए जाने के लिए क्या प्रक्रिया है?
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री और राज्यसभा सांसद नारायण राणे के महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने के बयान ने देश की राजनीति में उबाल ला दिया है। मामले में राणे के खिलाफ तीन FIR दर्ज की गई और अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब कुछ लोग उनकी गिरफ्तारी को नियमों के खिलाफ बता रहे हैं। ऐसे में यहां जानते हैं कि आखिर भारत में किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार किए जाने की प्रक्रिया क्या है।
राणे ने दिया था ठाकरे को थप्पड़ मारने का बयान
बता दें कि गत सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रायगढ़ पहुंचे राणे ने मुख्यमंत्री ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता का वर्ष पता नहीं। वो अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों की गिनती पूछने के लिए पीछे झुक गए। यदि मैं वहां होता, तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता।" राणे ने दावा किया था कि ठाकरे अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता का वर्ष भूल गए थे।
राणे के इस बयान का शिवसेना ने किया जोरदार विरोध
केंद्रीय मंत्री राणे के आपत्तिजनक बयान का शिवसेना ने कड़ा विरोध किया है। पार्टी ने मुंबई समेत कई जगहों पर पोस्टर लगवाकर राणे को कोंबडी चोर यानी मुर्गी चोर बताया है। पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को नागपुर में भाजपा कार्यालय पर पथराव कर दिया। इसके अलावा मुंबई में शिवसेना और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। शिवसेना कार्यकर्ता राणे के जुहू स्थिति घर पर प्रदर्शन करने जा रहे थे, तभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक लिया।
नाशिक पुलिस ने किया राणे को गिरफ्तार
मामले में शिवसेना पदाधिकारियों ने राणे के खिलाफ नाशिक, पुणे और महाड़ में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500, 505(2) और 153(b)(1) के तहत मामले दर्ज कराए थे। इस पर राणे ने रत्नागिरी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। इसी तरह बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। इस पर नाशिक पुलिस ने दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
प्रोटोकॉल के खिलाफ है राणे की गिरफ्तारी- पाटिल
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, "राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए की गई कार्रवाई प्रोटोकॉल के खिलाफ है। कोई राज्य कैबिनेट मंत्री के खिलाफ कैसे गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है?"
क्या है कैबिनेट मंत्री को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यदि संसद सत्र नहीं चल रहा है तो किसी कैबिनेट मंत्री को उसके खिलाफ दर्ज हुए आपराधिक मामले में कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों की धारा 22A के तहत पुलिस, न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को राज्यसभा सभापति को केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी के कारण, हिरासत का स्थान और दी जाने वाली सजा के बारे में अवगत कराना होगा।
राज्यसभा सभापति द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया क्या है?
सभापति से अपेक्षा है कि यदि वह गिरफ्तारी के संबंध में बैठक कर रहे हैं तो उन्हें परिषद को सूचित करना होगा। यदि परिषद नहीं बैठती है तो उन्हें सदस्यों को इसकी जानकारी देने के लिए इसे बुलेटिन में प्रकाशित कराने की आवश्यकता होती है।
गिरफ्तारी के संबंध में राज्यसभा सदस्यों के पास क्या हैं विशेषाधिकार?
सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 135 के अनुसार, संसद के मुख्य विशेषाधिकारों के तहत सामान्य मामलों में राज्यसभा सदस्यों को सदन के जारी रहने के दौरान और इसके शुरू होने के 40 दिन पहले और इसके समापन के 40 दिन बाद तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, यह गिरफ्तारी से छूट का यह विशेषाधिकारी उनके खिलाफ दर्ज हुए आपराधिक अपराधों या निवारक नजरबंदी के तहत नजरबंदी के मामलों में नहीं मिलता है।
क्या किसी सदस्य को सदन परिसर से गिरफ्तार किया जा सकता है?
सभापति या अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना और वह भी इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, किसी भी सदस्य या किसी अजनबी को सदन परिसर के भीतर से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसी प्रकार राज्यसभा का सत्र चालू होने या नहीं होने के बाद भी सभापति या अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी कानूनी प्रक्रिया (सामान्य या आपराधिक) सदन परिसर के भीतर नहीं की जा सकती है।