कांग्रेस के मजदूरों के लिए बसें चलाने की प्रियंका की पेशकश को योगी सरकार ने स्वीकारा
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 1,000 बसें चलाने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पेशकश को स्वीकार कर लिया है।
प्रियंका ने पैदल सड़कों पर चल रहे प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर वापस पहुंचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से ये बसें चलाए जाने की पेशकश की थी।
राज्य सरकार ने प्रियंका से इन बसों के नंबर और ड्राइवरों के नाम की सूची प्रदान करने को कहा है।
पृष्ठभूमि
प्रवासी मजदूरों को लेकर योगी सरकार पर हमलावर हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी पिछले कुछ समय से प्रवासी मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं। 16 मई को उन्होंने सरकार को पत्र लिखते हुए कांग्रेस की तरफ से प्रवासी मजदूरों के लिए 1,000 बसें चलाने की पेशकश की थी।
इसमें उन्होंने लिखा था, 'लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद उनके सुरक्षित घर पहुंचने की व्यवस्था नहीं हुई है।'
प्रस्ताव
गाजियाबाद और नोएडा से 500-500 बसें चलाने का दिया था प्रस्ताव
अपने पत्र में प्रियंका ने आगे लिखा था, 'प्रदेश में अब तक करीब 65 मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है... पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्च भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहन करेगी।'
सरकार से अनुमति मांगते हुए उन्होंने कहा था कि इस दौरान महामारी के सभी नियमों का पालन किया जाएगा।
बयान
17 मई को ट्वीट कर किया अनुरोध
वहीं 17 मई को ट्वीट करते हुए प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ से कहा था, 'हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं। हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए।'
ट्विटर पोस्ट
लगातार योगी सरकार से अनुमति मांग रही थीं प्रियंका
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
प्रतिक्रिया
सरकार ने स्वीकार की पेशकश, मांगी सूची
अब उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रियंका गांधी की इस पेशकश को स्वीकार कर लिया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रियंका को पत्र लिख उनकी पेशकश स्वीकार किए जाने की जानकारी दी है।
इस पत्र में लिखा है, 'अविलंब 1,000 बसों की सूची उनके चालक-परिचालकों के नाम और अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें जिससे इनका उपयोग श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।'
ट्विटर पोस्ट
प्रियंका ने किया योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया अदा
..हमें उप्र में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 18, 2020
आपको उप्र कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूँ कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित उप्र के..2/3
आंकड़ा
उत्तर प्रदेश में अब तक वापस लौटे 60 लाख प्रवासी मजदूर
बता दें कि श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा पैदल चलकर या अन्य साधनों से भी लाखों प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश वापस आ रहे हैं। अवस्थी के अनुसार, पिछले 8-9 दिनों में 60 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर बाहर राज्य से वापस आए हैं।
इस बीच योगी आदित्यनाथ ने सभी राज्यों से उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की जानकारी देने को कहा है और उन्हें वापस लाने के लिए 12,000 बसें चलाई जाएंगी।
जानकारी
उत्तर प्रदेश में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के 4.259 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 104 की मौत हुई है। प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।