महुआ मोइत्रा पर टूटी TMC की चुप्पी, क्या बोले राष्ट्रीय सचिव अभिषेक बनर्जी?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के मामले को लेकर पहली बार उनकी पार्टी ने कुछ बोला है। TMC सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक बनर्जी उनके समर्थन में आए हैं। NDTV के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने मोइत्रा को 'राजनीति का शिकार' बताते हुए कहा, "आचार समिति में कई विशेषाधिकार लंबित है। एक-डेढ़ महीने पहले नई संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने अपशब्द का उपयोग किया और संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई।"
आगे क्या बोले अभिषेक?
अभिषेक ने आगे कहा, "भाजपा के ऐसे बहुत सारे सांसद हैं, जिनके खिलाफ विशेषाधिकार लंबित हैं, जिनकी सुनवाई नहीं होती। अगर कोई सरकार के खिलाफ लड़ना चाहे, अडाणी के कदाचार पर सवाल पूछना चाहे तो उसे सांसद पद से हटाया जाता है। मैंने आचार समिति की रिपोर्ट देखी, उसमें समिति के चेयरमैन ने लिखा है अगर उनके (मोइत्रा) खिलाफ कुछ है तो जांच करो। अगर आपके पास कुछ नहीं तो आपने निष्कासन की सिफारिश क्यों की। मेरा यह सवाल है।"
क्या है मामला?
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि संसद में सवाल पूछने के लिए मोइत्रा ने हीरानंदानी से रिश्वत ली है। दुबे ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा था। पत्र में कहा गया कि मोइत्रा ने संसद में 61 सवाल पूछे, जिनमें लगभग 50 हीरानंदानी और उनकी कंपनी के हितों को बचाने के लिए थे। दुबे ने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील अनंत देहाद्रई के एक पत्र के आधार पर लगाए हैं।
सुनिए, क्या बोले अभिषेक बनर्जी
आचार समिति को सौंपी गई रिपोर्ट
लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने के मामले में संसदीय आचार समिति ने सांसद महुआ मोइत्रा पर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। इसमें समिति ने मोइत्रा को बर्खास्त करने की सिफारिश की। रिपोर्ट में महुआ पर कई आरोप लगाए गए हैं। अब ये रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी जाएगी और वे आगे का फैसला लेंगे। साथ ही रिपोर्ट में मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच पैसे के लेन-देन की जांच की मांग की गई है।