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संसदीय समितियों का कार्यकाल बढ़ाकर 2 साल कर सकती है सरकार, जानिए क्या है कारण
संसदीय समितियों का कार्यकाल बढ़ाकर 2 साल कर सकती है सरकार

संसदीय समितियों का कार्यकाल बढ़ाकर 2 साल कर सकती है सरकार, जानिए क्या है कारण

Sep 27, 2025
01:18 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार संसदीय स्थायी समितियों का कार्यकाल मौजूदा एक वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष करने पर विचार कर रही है। इस कदम का उद्देश्य निरंतरता में सुधार लाना और विधेयकों, रिपोर्टों और नीतिगत मामलों की गहन जांच संभव बनाना है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान समितियों का कार्यकाल 26 सितंबर को समाप्त होने वाला है। ऐसे में सरकार अगर कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय करती है तो इन समितियों को एक साल और कार्य करने का मौका मिलेगा।

समिति

क्या होती हैं संसदीय स्थायी समितियां?

संसदीय स्थायी समितियाें में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के निश्चित संख्या में सांसद शामिल होते हैं। ये समितियां प्रस्तावित कानूनों की जांच, सरकारी नीतियों की समीक्षा और बजट आवंटन की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसी तरह सरकार के विशिष्ट क्षेत्रों पर पूछताछ और साक्ष्य संग्रह के माध्यम से मंत्रालयों को जवाबदेह भी बनाती हैं। संसद सत्र चालू न होने के दौरान स्थायी समितियां 'लघु संसद' के रूप में कार्य करती हैं।

मांग

सांसदों ने की कार्यकाल बढ़ाने की मांग

रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के सदस्यों सहित कई सांसदों ने सरकार से संसदीय स्थायी समितियों कार्यकाल कम से कम 2 साल करने की मांग की है। उनका तर्क है कि सौंपे गए विषयों पर व्यापक अध्ययन के लिए एक साल का कार्यकाल पर्याप्त नहीं है। हालांकि, समिति अध्यक्षों में बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन नवनियुक्त सदस्यों का कार्यकाल दोगुना किया जा सकता है, जिससे समितियां अधिक निरंतरता के साथ काम कर सकेंगी।

जानकारी

शशि थरूर को मिलेगा बढ़ावा

यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद शशि थरूर के लिए विशेष राजनीतिक महत्व रखता है, जो वर्तमान में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं। विस्तार मिलने पर वह कांग्रेस के साथ मतभेदों के बावजूद अगले 2 वर्षों तक पद पर बने रह सकते हैं।