'हाथ नहीं तोड़ सकते तो पैर तोड़ दो', मुख्यमंत्री शिंदे गुट के विधायक के बिगड़े बोल
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के विधायक प्रकाश सुर्वे के खिलाफ उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
सुर्वे पर आरोप है कि उन्होंने एक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा, "अगर तुम उनके हाथ नहीं तोड़ सकते तो पैर तोड़ दो, अगले दिन जमानत मैं कराऊंगा।"
सुर्वे ने यह बयान 14 अगस्त को मुंबई के मगथाने इलाके के कोकणी पाड़ा बुद्ध विहार में एक कार्यक्रम में दिया था।
मामला
विधायक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से बेदखल करने के लिए प्रकाश सुर्वे शिंदे के विद्रोह गुट में शामिल थे।
ऐसे में 14 अगस्त को बोला गया उनका ये विवादित बयान उस लड़ाई की तरफ इशारा करता है जिससे ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना दो हिस्सों में टूट गई।
सुर्वे के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने विधायक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है।
विवादित बयान
प्रकाश सुर्वे ने अपने बयान में क्या कहा?
प्रकाश सुर्वे मागाथाने क्षेत्र के विधायक हैं। संबोधन के दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया।
प्रकाश ने कहा, "अगर कोई तुम्हें कुछ कहता है, तो उन्हें जवाब दो। किसी की दादागिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं आपके लिए खड़ा हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर उनके हाथ नहीं तोड़ सकते तो पैर तोड़ दो। मैं तुम्हें अगले दिन जमानत दूंगा, चिंता मत करो। हम किसी से नहीं लड़ेंगे, लेकिन अगर कोई हम से लड़ता है, तो हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।"
जानकारी
विधायक के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत
सुर्वे के बयान का विरोध करते हुए ठाकरे गुट के लोगों ने दहिसर थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
भाजपा के समर्थन से शिंदे ने जून में उद्धव ठाकरे को सत्ता से बेदखल कर खुद मुख्यमंत्री बन गए।
उद्धव ठाकरे तकनीकी रूप से अपने पिता बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी के प्रमुख बने हुए हैं।
पार्टी को पूरी तरह से प्राप्त करना एक लंबी लड़ाई है। मामले में पहले से ही कानूनी लड़ाई चल रही है।
जानकारी
शिंदे ने बताई थी बगावत की वजह
मीडिया को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भाजपा के साथ हाथ मिलाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा, "हम अपनी विधानसभाओं की चिंताओं के समाधान और विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री के पास गए थे। हमने उन्हें यह भी सलाह दी कि सुधार की जरूरत है क्योंकि हमें लगने लगा था कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।"