चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू नहीं होंगे कांग्रेस के लोकसभा अभियान का हिस्सा, जानें क्या है योजना
क्या है खबर?
चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के अभियान का हिस्सा नहीं होंगे।
अभी वह हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी अभियानों को ही देखेंगे। इन दोनों ही राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
शुक्रवार को कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने NDTV को ये जानकारी दी।
बता दें कि तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने में सुनील ने अहम भूमिका निभाई थी और पार्टी को महाराष्ट्र और हरियाणा में भी उनसे यही उम्मीद है।
सुनील
सुनील की गैरमौजूदगी को पार्टी किस नजरिए से देख रही?
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी का मार्गदर्शन करने के लिए मौजूद नहीं होंगे, जिससे चिंताएं थोड़ी बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, महासचिव पद पर आसीन एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा अभियान में सुनील की अनुपस्थिति 'मामूली झटका' है, लेकिन अगर वे दोनों राज्यों में पार्टी दिलाते हैं तो इसके प्रभाव दीर्घकालिक होंगे।
सूत्रों ने कहा कि सुनील कर्नाटक और तेलंगाना दोनों जगह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
कारण
कांग्रेस ने सुनील को लोकसभा चुनावों की जिम्मेदारी क्यों नहीं दी?
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के लोकसभा चुनाव अभियान के पीछे का गणित काफी जटिल है। वह कई विपक्षी दलों के साथ चुनावी रणनीतियों पर काम कर रही है और सीटों का बंटवारा भी उसी अनुसार होगा।
ऐसे में उन्हें इस पूरी व्यवस्था में फिट करना थोड़ा मुश्किल होगा। साथ ही पार्टी महाराष्ट्र और हरियाणा पर ध्यान केंद्रित करके दीर्घकालिक लाभ की सोच रही है।
हरियाणा में भाजपा बेहद मजबूत स्थिति में नहीं है, वहीं महाराष्ट्र में भी कांग्रेस मजबूत है।
भरोसा
कांग्रेस की दीर्घकालिक योजना क्या है?
दरअसल, कांग्रेस पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में सत्ता में थी, लेकिन 2023 में उसे 3 राज्यों में भाजपा ने हरा दिया और पंजाब में वह 2022 में ही आम आदमी पार्टी (AAP) से हार चुकी है।
अब केवल 3 राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार है, जबकि भाजपा 12 राज्यों में हैं। ऐसे में पार्टी प्रमुख राज्यों में अपनी स्थिति को मजबूत करने और जीतने के लिए सुनील और उनकी रणनीतियों पर भरोसा कर रही है।
भूमिका
कौन हैं सुनील कनुगोलू?
चेन्नई में जन्मे सुनील ने अपनी पढ़ाई अमेरिका से की है और एक बहुराष्ट्रीय मैनेजमेंट फर्म के साथ काम कर चुके हैं। वापस लौटने के बाद उन्होंने 2014 में प्रशांत किशोर के साथ मिलकर भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला।
वे मार्च, 2022 में कांग्रेस से जुड़े और कर्नाटक और तेलंगाना में पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका अदा की।
कर्नाटक में तो वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के प्राथमिक सलाहकार हैं और कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ है।
चुनाव
न्यूजबाइट्स प्लस
महाराष्ट्र और हरियाणा के अलावा इस साल आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर और झारखंड जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होंगे।
आंध्र प्रदेश और सिक्किम में पार्टी की कोई उपस्थिति नहीं है, जबकि ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD) सत्ता में है। झारखंड में पार्टी गठबंधन की सरकार में है, लेकिन अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है।
जम्मू-कश्मीर के चुनाव अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहले चुनाव पार्टी के लिए अहम माने जा रहे हैं।