भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी बोले- राम मंदिर निर्माण का विरोध किया तो सरकार गिरा दूंगा
क्या है खबर?
राम मंदिर निर्माण के मामले को लेकर राजनीति गरम है। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये सरकारें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करेंगी तो वे सरकार गिरा देंगे।
साथ ही उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों को राम मंदिर निर्माण से आपत्ति नहीं है।
ट्विटर पोस्ट
दो हफ्तों में जितेंगे केस- स्वामी
Subramanian Swamy: If our matter (#RamTemple) is listed in January, we'll win it in 2 weeks. Because my 2 opposing parties are central government UP government; do they've the guts to oppose me? And if they do, I'll topple government. Though I know that they won't do it. (7.11) pic.twitter.com/mzhVpvFdqQ
— ANI (@ANI) December 7, 2018
बयान
सुब्रमण्यम स्वामी ने JNU में दिया बयान
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा, "यदि हमारा राम मंदिर निर्माण का मामला जनवरी में सूचीबद्ध है, तो हम इसे दो हफ्ते में जीत लेंगे।"
उन्होंने कहा, "मेरे दो विरोधी पक्षकार केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार हैं। क्या उनके पास मेरा विरोध करना का दम है? अगर उन्होंने ऐसा किया, तो मैं सरकार गिरा दूंगा। हालांकि मुझको पता है कि वो इसका विरोध नहीं करेंगे।"
बयान
स्वामी बोेले- सुन्नी वक्फ बोर्ड फिर से बाबरी नहीं बनाना चाहता
स्वामी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि मुगल शासक बाबर द्वारा कब्जा की गई भूमि हमारी है। उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे बाबरी को फिर से बनाना चाहते हैं।
स्वामी ने कहा कि राम जन्मभूमि व्यास और निर्मोही अखाड़ा जैसे हिंदू पक्षों ने कहा कि वहां दो मंदिर थे जिनमें वे ट्रस्टी थे और उन्हें दिया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके मुकदमे को सुना और कहा कि यह राम जन्मभूमि है।
प्राइवेट बिल
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा लाएंगे 'प्राइवेट मेंबर बिल'
राम मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ससंद में 'प्राइवेट मेंबर बिल' लाने की बात कही थी। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस बिल पर समर्थन देने की अपील की थी।
बता दें कि राम मंदिर निर्माण को लेकर नवंबर में विश्व हिंदू परिषद् (VHP) की तरफ से अयोध्या में धर्म सभा बुलाई गई थी। इसमें RSS समेत कई हिंदू संगठनों ने हिस्सा लिया था।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है राम मंदिर मामला
राम मंदिर मामले की सुनवाई अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मामले की सुनवाई को जनवरी, 2019 तक टाल दिया था।
मामले की नियमित सुनवाई पर फैसला भी अब जनवरी में ही होगा।
सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिए फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में दिए अपने फैसले में विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांट दिया था।