अखिलेश यादव से मिलने के लिए 'दूल्हा' बनकर पहुंचा पार्टी का नेता, जानिये वजह
समाजवादी पार्टी का एक जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव से 'दूल्हा' बनकर मिला। दरअसल, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के समर्थन में रामपुर पहुंचे थे। उनके दौरे को देखते हुए पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी थी। इसके चलते अखिलेश के समर्थक उनसे मिल नहीं पाए, लेकिन पार्टी के संभल जिलाध्यक्ष फिरोज खान ने पुलिस को चकमा देने के लिए नया तरीका निकाला और दूल्हा बनकर रामपुर पहुंच गए।
फिल्मी अंदाज में रामपुर पहुंचे फिरोज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए धारा 144 लागू कर दी थी। जिले में आने वाली हर गाड़ी की तलाशी ली जा रही थी। सपा के संभल जिलाध्यक्ष फिरोज खान सेहरा बांधे हुए दूल्हा बनकर गाड़ी में बैठे और उनके साथी कार्यकर्ता बाराती बनकर उनके पीछे गाड़ी में बैठ गये। चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस की आखों में धूल झोंकते हुए फिरोज रामपुर पहुंचने में कामयाब हो ही गए।
'दूल्हा' बनकर अखिलेश से मिलने जाते हुए फिरोज
आजम खान के समर्थन में आए अखिलेश
अखिलेश अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के समर्थन में रामपुर पहुंचे थे। रामपुर से लोकसभा सांसद आजम पर कई मामले दर्ज हैं और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अखिलेश ने आजम के समर्थन में बोलते हुए कहा कि उनके खिलाफ एक महीने में 80 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें बकरी और भैंस चोरी के मामले हैं। अखिलेश ने कहा कि सरकार आजम को निशाना बना रही है और ये आरोप आधारहीन है।
आजम के खिलाफ मामलों की लंबी फेहरिस्त
मुश्किलों में फंसे आजम के खिलाफ लगभग 15 दिन पहले भैंस चोरी का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला अक्तूबर, 2016 की घटना से जुड़ा है। इसके साथ ही उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या 75 पार कर गई थी। आजम के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने, वक्फ की संपत्ति पर गैर-कानूनी कब्जा और चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें भू-माफिया घोषित किया हुआ है।
आजम की हिस्ट्री शीट खोलने पर विचार कर रही पुलिस
आजम के खिलाफ कुछ ऐसी धाराएं हैं, जिनमें उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। रामपुर पुलिस भी उनकी हिस्ट्री शीट खोलने पर विचार कर रही है। हिस्ट्री शीट में एक अपराधी के अपराध का ब्यौरा रखा जाता है और इसे जिले के सभी पुलिस थानों में वितरित किया जाता है। इससे बड़े अपराधियों पर नजर रखने में पुलिस को मदद मिलती है। हालांकि, आजम अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते रहे हैं।