लखनऊ: वसूली के पोस्टर्स के बगल में सपा नेता ने लगाया चिन्मयानंद और सेंगर का पोस्टर
समाजवादी पार्टी के एक नेता आईपी सिंह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौराहे पर रेप के आरोप चिन्मयानंद और कुलदीप सेंगर का पोस्टर लगाया है। ये पोस्टर नागरिकता कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा करने के आरोपियों के नाम, तस्वीर और पते वाले उत्तर प्रदेश सरकार के पोस्टर्स के ठीक बगल में लगाए गए हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद CAA विरोधियों के पोस्टर नहीं हटाने के विरोध में आईपी सिंह ने ये पोस्टर लगाए हैं।
क्या है CAA विरोधियों के पोस्टर्स का मामला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा करने के 53 आरोपियों के नाम, तस्वीर और पते वाले पोस्टर्स लखनऊ में लगाए थे। इन पोस्टर्स में हिंसा के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली इन आरोपियों से करने और भरपाई न करने पर उनकी संपत्ति कुर्क करने की बात कही गई थी। इनमें मौलाना सैफ अब्बास, दीपक कबीर, रिटायर्ड IPS अधिकारी एसआर दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जाफर आदि के नाम भी शामिल थे।
सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया था पोस्टर्स हटाने का आदेश
रविवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इन पोस्टर्स का स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से तीखे सवाल किए थे। सोमवार को हुई सुनवाई में उन्होंने इन पोस्टर्स को निजता का उल्लंघन बताया और राज्य सरकार को पोस्टर्स हटाने का आदेश दिया। हालांकि राज्य सरकार उनके इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई जिसने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे सरकार के इस कदम को जायज ठहराया जा सके।
सरकार ने नहीं हटाए पोस्टर्स तो आईपी सिंह ने लगाया सेंगर और चिन्मयानंद का पोस्टर
अब इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद पोस्टर्स नहीं हटाने के विरोध में सपा नेता आईपी सिंह ने इनके ठीक बगल में चिन्मयानंद और कुलदीप सिंह सेंगर का पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में चिन्मयानंद और सेंगर की तस्वीरों के साथ उन पर लगे आरोपों के बारे में बताया गया है और उत्तर प्रदेश की बेटियों को उनसे सावधान रहने को कहा गया है। पोस्टर के अंत में लिखा है 'बेटियां रहें सावधान, सुरक्षित रहे हिंदुस्तान'।
सेंगर को निकाल चुकी है भाजपा, चिन्मयानंद अभी भी पार्टी में
सिंह के पोस्टर में चिन्मयानंद और सेंगर को भाजपा नेता बताया गया है। हालांकि रेप के आरोप लगने के बाद भाजपा सेंगर को पार्टी से निकाल चुकी है और उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
पुलिस ने हटाए पोस्टर
सेंगर और चिन्मयानंद पर क्या आरोप?
सेंगर ने 2017 में नाबालिग पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने उन्नाव स्थित अपने घर बुलाया था और उसका रेप किया था। मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा सेंगर को पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में गैर-इरादतन हत्या का दोषी भी पाया गया है। वहीं चिन्मयानंद को सितंबर, 2019 में उसके कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अभी वो जमानत पर बाहर हैं।